Move to Jagran APP

बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रसिद्ध भोजपुरी गायक पंडित रामचंद्र दुबे का निधन, शोक में डूबा साहित्य जगत

संस्कार वियोग के लोकगीतों को भोजपुरी रंग देने पर कई अलंकरण से किया गया था विभूषि वर्ष 1971 से शुरू किया था भोजपुरी गीतों का सफर निधन से कला प्रेमी साहित्यकार कवि स्तब्ध लोकगीतों के मूल भाव से छेड़छाड़ के लिए किया इन्कार

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 10:23 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 10:23 PM (IST)
बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रसिद्ध भोजपुरी गायक पंडित रामचंद्र दुबे का निधन, शोक में डूबा साहित्य जगत
प्रस्तुति देते भोजपुरी गायक पंडित रामचंद्र दुबे

कानपुर, जेएनएन। भोजपुरी गीतों के प्रसिद्ध गायक पंडित रामचंद्र दुबे का मंगलवार सुबह निधन हो गया। उनमें कुछ दिन पहले कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। रामा मेडिकल कॉलेज में उनका इलाज चला। इसके बाद रिपोर्ट निगेटिव आ गई। घर आते समय सांस लेने में तकलीफ होने पर उर्सला अस्पताल के आइसीयू में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। उनके जाने से परिवार, रिश्तेदार, कला प्रेमी, साहित्यकार, कवि स्तब्ध हैं। पंडित रामचंद्र दुबे की भोजपुरी और अवधी भाषा पर समान पकड़ थी। उन्हें कई पुरस्कार मिल चुके हैं। इसी वर्ष उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

loksabha election banner

अपने जीवन में उन्होंने कई कीर्तिमान स्थापित किए

कौशलपुरी निवासी पंडित रामचंद्र दुबे मूलरूप से भदोही के चौरी बाजार के रुतहा गांव के थे। उन्होंने भोजपुरी गीतों का सफर 1971 से शुरू किया। कई भोजपुरी फिल्मों और सांस्कृतिक कला मंच पर अपनी योग्यता दर्शाई। आचार्य दुबे को संस्कार व शृंगार, वियोग, जन्म और पर्व से जुड़े लोकगीतों को भोजपुरी रंग देने के लिए कई अलंकरणों से विभूषित किया गया। उन्हें पंडित रामकिंकर मानस चंचरीक, पंडित विद्यानिवास मिश्र, मॉरिशस के उच्चायुक्त द्वारा भोजपुरी विभूति, म्यूजिक कंपनी के मालिक गुलशन कुमार द्वारा भोजपुरी रत्न सम्मान से नवाजा जा चुका है। पंडित रामचंद्र दुबे ने भोजपुरी फिल्मों को नए रूप में लोकगीत दिए। उनका गाया लोकगीत 'बगिया में अमवा की डाल...' ने बहुत प्रसिद्धि बटोरी। परिवार में उनकी पत्नी निर्मला देवी, पुत्र संजय दुबे और अजय दुबे हैं। पंडित रामचंद्र आरके मिशन स्कूल में बड़े बाबू के पद से सेवानिवृत हुए थे।

आकाशवाणी और दूरदर्शन में किया काम

आचार्य रामचंद्र दुबे ने आकाशवाणी और दूरदर्शन में भी काम किया था। उनके पास कई म्यूजिक कंपनियों के प्रस्ताव आए, पर उन्होंने लोकगीतों के मूल भाव से छेड़छाड़ के लिए मना कर दिया।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.