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कोरोना से मौत होने पर अपनों ने की बेकदरी, शव लेने से किया इंकार तो मुस्लिम दोस्त ने निभाया फर्ज

Death due to COVID-19 In UP कुछ वर्ष पहले हेम सिंह की बेटी और पत्नी माला की मृत्यु हो गई थी। एक सप्ताह पहले वह कोरोना की चपेट में आए तो अपने मित्र सिराज को मोबाइल फोन से कॉल करके संक्रमित होने की जानकारी दी।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Fri, 30 Apr 2021 06:30 AM (IST)Updated: Fri, 30 Apr 2021 06:30 AM (IST)
400 किमी दूर जाकर सिराज ने किया अंतिम संस्कार। प्रतीकात्मक तस्वीर।

इटावा, [सोहम प्रकाश]। Death due to COVID-19 In UP कोरोना संक्रमण भयावह मंजरों के साथ रुदन के किस्से ही नहीं लिख रहा बल्कि इंसानियत की मिसालें भी पेश कर रहा है। हाईकोर्ट में ज्वाइंट रजिस्ट्रार रहे प्रयागराज निवासी हेम सिंह कोरोना संक्रमित हुए तो रिश्तेदारों ने भी नाता तोड़ लिया। निधन के बाद कोई उनका अंतिम संस्कार को भी राजी नहीं था। उनसे मिलने की हसरत लिए  400 किमी दूर पहुंचे अजीज दोस्त इटावा निवासी सिराज अहमद ने उन्हें मुखाग्नि दी।

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20 रिश्तेदारों को किया फोन, सबने किया इन्कार: हेम सिंह प्रयागराज की संगम नगरी के जयंतीपुर इलाके में अकेले ही रहते थे। कुछ वर्ष पहले उनकी बेटी और पत्नी माला की मृत्यु हो गई थी। एक सप्ताह पहले वह कोरोना की चपेट में आए तो अपने मित्र सिराज को मोबाइल फोन से कॉल करके संक्रमित होने की जानकारी दी। हेम सिंह को प्रयागराज के सिविल लाइंस के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। अस्पताल ने उन्हें दो लाख रुपये मांगे गए। जानकारी पर सिराज ने तुरंत उनके अकाउंट में दो लाख रुपये भेजे। चंद रोज पहले उन्हें सांस लेने में तकलीफ बढ़ी तो सिराज को कॉल की। सिराज प्रयागराज पहुंचे लेकिन वहां हेम सिंह की सांसों की लड़ी बिखर चुकी थी। अंतिम संस्कार के लिए सिराज ने एक-एक कर करीब 20 रिश्तेदारों और परिचितों को कॉल की लेकिन कोई कंधा देने को तैयार नहीं हुआ। तब सिराज अपने दोस्त का पार्थिव शरीर एंबुलेंस में लेकर फाफामऊ घाट पहुंचे। हेम सिंह के साथ रहने वाले संदीप और एंबुलेंस के दो युवकों की मदद से अंतिम संस्कार की तैयारी हुई और सिराज ने अंतिम संस्कार किया। 

इनका ये है कहना: हेम सिंह के करीबी और अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम बशारत अली खान ने बताया कि हेम ने पूर्व डीजीपी आनंदलाल बनर्जी की सगी बहन माला से शादी की थी। वह भी हाईकोर्ट में असिस्टेंट रजिस्ट्रार थीं। डेढ़ साल पहले उनका निधन हो गया। हेम ङ्क्षसह के कई रिश्तेदारों और परिचितों को कॉल और वाट्सएप पर सूचना दी लेकिन कोई शव लेने को तैयार नहीं हुआ। वह छोटी नदियां बचाओ अभियान से भी जुड़े थे। 

बड़ी बहन की सास के जनाजे में नहीं हुए शामिल: सिराज को हेम सिंह की तबीयत खराब होने की खबर मिली तो वह इटावा से आगरा अपनी बड़ी बहन की सास के जनाजे में शामिल होने के लिए निकल चुके थे लेकिन उन्होंने अपने भाई को जनाजे में जाने के लिए कहा और खुद दोस्त से मिलने प्रयागराज के लिए निकल पड़े। बकौल सिराज, अंतिम संस्कार के लिए हेम सिंह के एक करीबी रिश्तेदार को कॉल की तो सपाट जवाब मिला, आप लोग हैं तो हमारी क्या जरूरत है। 


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