उन्नाव बिहार कांड: आरोपितों के स्वजन कर रहे सीबीआइ और नार्को टेस्ट कराने की मांग, धरने पर बैठे
उन्नाव के बिहार थानांतर्गत गांव की जलाकर मारी गई दुष्कर्म पीड़िता के भतीजे के अपहरण में अभी तक पुलिस कोई सुराग हासिल नहीं कर पाई है मामले में गिरफ्तार आरोपितों के स्वजन अब सीबीआइ जांच की मांग कर रहे हैं।
उन्नाव, जेएनएन। अभी तक पीड़ित पक्ष द्वारा निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआइ जांच अथवा नार्को टेस्ट की मांग उठती रही है लेकिन उन्नाव में आरोपितों के स्वजन ने ही सच्चाई उजागर कराने के लिए सीबीआइ और नार्को टेस्ट की मांग उठाई है। इसके लिए बाकायदा अफसरों से अनुमित लेकर रविवार से परिवार की महिलाओं ने धरना शुरू कर दिया है। मौके पर पुलिस अफसर भी मौजूद हैं और समझाने का भी प्रयास कर रहे हैं।
यह है मामला
उन्नाव के बिहार थानांतर्गत गांव निवासी दुष्कर्म पीडि़ता की पांच दिसंबर-19 को रायबरेली जाते समय रास्ते में जलकर मौत हो गई थी। पीड़ित को जलाकर मारने के आरोप में बयान के आधार पर गांव के पांच लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था, जो केस अदालत में विचाराधीन है। करीब 16 दिन पहले मामले ने नया मोड़ तब आ गया जब मृत पीड़िता का भतीजा खेलते समय शाम को लापता हो गया था।
पीडि़ता की बहन ने दुष्कर्म और हत्या में आरोपित लोगों के परिवार की कैप्टन बाजपेयी, सरोज त्रिवेदी, अनीता त्रिवेदी, सुंदर लोधी व हर्षित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर जांच शुरू की थी और बच्चे की बरामदगी के लिए 14 टीमें गठित की थीं। एक सप्ताह तक बच्चा नहीं मिला तो पुलिस ने पांचों आरोपितों की गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया था।
आंदोलन पर उतरा आरोपितों का परिवार
जलाकर मारी गई दुष्कर्म पीड़िता के भतीजे के अपहरण मामले में गिरफ्तार आरोपितों का परिवार अब आंदोलन की राह पर उतर आया है। अफसरों से अनुमति के बाद परिवार की महिलाओं ने रविवार से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। रो रोकर उनका कहना है कि घर पर कोई पुरुष सदस्य नहीं बचा है, साजिशन सभी को फंसाया गया है। घटना से परिवार को काेई लेना-देना नहीं है, जबरन गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है।
निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआइ से जांच कराई जाए और सच्चाई उजागर करने उनके पक्ष के साथ दूसरे पक्ष का भी नार्को टेस्ट कराया जाए। उन्होंने मामले में पुलिस विभाग के आलाधिकारियों पर पीड़ित परिवार की विशेष रूप से मदद करने का भी आरोप लगाया है। धरना-प्रदर्शन की जानकारी पर एएसपी समेत अन्य पुलिस टीम मौके पर मौजूद रही। अफसरों ने समझाने का प्रयास किया लेकिन महिलाएं मानने को तैयार नहीं हुईं। हालांकि इससे पहले बिहार थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए न्यायालय से रिमांड मांगने की बात कह चुके हैं।