टैंक में मजदूरों की मौत पर हंगामा दो बेटियों के सिर से उठा पिता का साया, सोनू को ठीक से देख भी न सका था बेटा
कानपुर के जाजमऊ में इंशा टेनरी में सीवर टैंक सफाई करने उतरे तीन मजदूरों की जहरीली गैस की चपेट में आने से मौत होने पर गुस्साए लोगों ने एलएलआर अस्पताल के बाहर रोड जाम करके हंगामा किया। वहीं मजदूरों के परिवार में कोहराम मचा रहा।
कानपुर, जागरण संवाददाता। जाजमऊ में इंशा टेनरी में सीवर टैंक साफ करने के लिए उतरे तीन मजदूरों की मौत से परिवार बेहाल हो गए हैं। पोस्टमार्टम हाउस के बाहर गुस्साई भीड़ ने सड़क जाम करके हंगामा किया और सीवर सफाई टैंकर-ट्रैक्टर मालिक पर आरोप लगाया। हालांकि ट्रैक्टर मालिक ने पहले ही जाजमऊ थाने में टेनरी मालिक पर जबरन मजदूरों को टैंक में उतारे जाने का आरोप लगाते हुए तहरीर दे दी है।
घरवालों ने सड़क जाम करके किया हंगामा
हादसे में जान गवाने वाले सोनू, सुखबीर और सत्यम पर अपने-अपने परिवारों की जिम्मेदारी थी। सुखवीर की मौत से दो बेटियां बेसहारा हो गईं तो सोनू के चार माह के बेटे की अभी आंखें भी खुलना शुरू नहीं हुईं थी और पिता को ठीक से देखने से पहले ही उसके सिर से पिता का साया उठ गया। तीन मजदूरों की मौत से गुस्साए लोगों ने शुक्रवार की सुबह अस्पताल के बाहर जाम लगाने के बाद पोस्टमार्टम हाउस पर भी हंगामा किया। इसके बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई और पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। एसीपी स्वरूप नगर, एसीपी कर्नलगंज और एसीपी नजीराबाद भी मौके पर मौजूद हैं। परिवार वाले हत्या का आरोप लगाते हुए पोस्टमार्टम के लिए शव ले जाते समय हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने समझाकर शांत कराया है।
दो बेटियों की जिम्मेदारी छोड़ गए सुखवीर
मूलरूप से कानपुर देहात के बिसलाया गांव के रहने वाले सुखबीर गौतम पांच भाइयों व दो बहनों में तीसरे नंबर के भाई थे। सुखवीर अपने परिवार में पत्नी रितु और 5 साल की बेटी प्रिंसी और 3 साल की बेटी नैंसी के साथ रह रहे थे। साले विक्की ने बताया देर शाम बहनोई घर नहीं पहुंचे तो बहन ने मोबाइल नंबर पर काल करके जानकारी की। काल रिसीव करने वाले ने बताया कि एंबुलेंस का चालक है और सुखवीर एलएलआर अस्पताल हैलट में है, उनकी हालत गंभीर है। इसके बाद घरवाले एलएलआर अस्पताल पहुंचे तो सुखवीर की मौत होने की जानकारी मिली। सुखवीर की मौत से पत्नी रितु व दो मासूम बेटियां बेसहारा हो गई हैं।
सोनू को ठीक से देख भी न पाया था चार माह का बेटा
बिनगवां कैलाश नगर नवासी 28 वर्षीय सोनू सोनकर दो साल से सीवर टैंकर के ट्रैक्टर पर काम कर रहा था। भाई ने बताया के सोनू की पत्नी नंदिनी ने चार महीने पहले ही बेटे को जन्म दिया था। बेटे का नाम उन्होंने शियांश रखा था। उन्हें भी सोनू के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना मिली थी, जिसपर वह लोग एलएलआर अस्पताल हैलट पहुंचे तो इमरजेंसी में कुछ पता नहीं लगा। काफी देर बाद इमरजेंसी के बाहर तीन शव रखे दिखाई दिए और जब चादर हटाई तो सन्न रह गए क्योंकि एक शव सोनू का था।
सत्यम के घरवालों को सुबह पता चला
घाटमपुर के साढ़ के पड़री लालपुर निवासी 31 वर्षीय सत्यम तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। उसकी शादी तय हो गई थी और गर्मियों के मौसम में बरात जाना तय था। छोटे भाई शिवम ने बताया कि काम अधिक होने पर भाई कभी-कभी दोस्तों के पास रुक जाते थे। रात में उनको फोन कॉल की तो स्विच ऑफ आ रहा था। सुबह करीब 7:00 बजे परिचितों से हादसे की जानकारी मिली तो वह तुरंत आ गए।
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