उर्सला अस्पताल में पकड़ा गया फर्जी डॉक्टर
जागरण संवाददाता, कानपुर : उर्सला अस्पताल की ओपीडी में पर्ची पर बाहर की दवाएं लिख रहे फर्जी ड
जागरण संवाददाता, कानपुर : उर्सला अस्पताल की ओपीडी में पर्ची पर बाहर की दवाएं लिख रहे फर्जी डॉक्टर को रंगे हाथों पकड़ लिया गया। कोतवाली पुलिस उसे पकड़कर ले गई लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से तहरीर न दिए जाने पर शांतिभंग में चालान कर दिया। मामले में अस्पताल प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध है।
कई दिनों से अस्पताल प्रशासन के पास ओपीडी में फर्जी डॉक्टर बनकर मरीजों के पर्चे पर दवाएं लिखने की शिकायतें आ रही थीं। शनिवार सुबह 10 बजे चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मुन्नालाल और हॉस्पिटल मैनेजर डॉ. फैसल नफीस स्टाफ को लेकर कमरा नंबर 224 में पहुंचे। वहां डॉ. सुरेंद्र बाबू मरीजों को देख रहे थे। अधिकारियों को देखते ही किदवई नगर निवासी प्रदीप सचान ने कमरे से निकलने का प्रयास किया लेकिन गार्ड ने उसे दबोच लिया। अधिकारियों ने उर्सला चौकी इंचार्ज पूनम शुक्ला को जानकारी दी तो पुलिस आरोपी को कोतवाली ले गई। डॉ. मुन्नालाल के मुताबिक प्रदीप दवा कंपनी से जुड़ा हुआ है। वह डॉक्टरों के कमरे में बैठता है। दो दिन पूर्व भी उसके डॉ. आरके कटियार के कमरे में बैठे हुए होने की जानकारी मिली थी। कई मरीज पर्चियों पर बाहर से दवाएं लिखने की शिकायत कर चुके हैं।
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उर्सला अस्पताल प्रशासन की ओर से किसी तरह की कोई तहरीर नहीं दी गई। जिसके बाद आरोपी का शांतिभंग में चालान किया गया।
- संजय सिंह, कोतवाली प्रभारी
मेरे अलावा और कोई दवा नहीं लिख रहा था। कमरे के बाहर क्या हो रहा है, उसकी जानकारी नहीं है। पुलिस ने कमरे के अंदर से किसी को नहीं पकड़ा।
-डॉ. सुरेंद्र बाबू, सर्जन उर्सला अस्पताल
डॉक्टरों के कमरे में दवा कंपनियों के फर्जी डॉक्टर का मिलना गंभीर बात है। मामले की जांच कराई जाएगी। बाहर की दवाएं लिखना गलत है।
-डॉ. उमाकांत, निदेशक उर्सला अस्पताल