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एलएलआर अस्पताल में सुविधाएं-संसाधनों के बिना हीशासन ने दिया लक्ष्य

एलएलआर अस्पताल (हैलट) में पहले से ही सुविधाओं और संसाधनों के अभाव में हांफ रही डायलिसिस यूनिट पर शासन ने अब भारी-भरकम लक्ष्य का पहाड़ लाद दिया है

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 10:28 AM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 10:28 AM (IST)
एलएलआर अस्पताल में सुविधाएं-संसाधनों के बिना हीशासन ने दिया लक्ष्य
एलएलआर अस्पताल में सुविधाएं-संसाधनों के बिना हीशासन ने दिया लक्ष्य

जागरण संवाददाता, कानपुर :

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एलएलआर अस्पताल (हैलट) में पहले से ही सुविधाओं और संसाधनों के अभाव में हांफ रही डायलिसिस यूनिट पर शासन ने अब भारी-भरकम लक्ष्य का पहाड़ लाद दिया है। जहां महीने में महज चार मशीनों के बूते डेढ़ सौ मरीजों को सुचारू डायलिसिस सुविधा देना कठिन काम है, वहीं शासन ने पांच सौ डायलिसिस करने का फरमान सुना दिया है। एक डायलिसिस में औसतन तीन -चार घंटे लगते हैं। मशीन की सफाई में एक घंटा लग जाता है। इस हिसाब रोज छह से सात डायलिसिस ही हो सकती है। ऐसे में शासन के लक्ष्य का पालन किया जाए तो बेहतर डायलिसिस देना मुश्किल है। डायलिसिस के नाम पर सिर्फ औपचारिकता हो सकती है, जो मरीजों के साथ बड़ी नाइंसाफी होगी।

एलएलआर अस्पताल के मेडिसिन विभाग में चल रही डायलिसिस यूनिट में दो शिफ्टों में सुबह आठ से शाम चार बजे तक डायलिसिस होती है। प्रत्येक मरीज से 450 रुपये शुल्क वसूला जाता है, लेकिन उन्हें न दवाएं मिलती हैं, न ही डिस्पोजल। सामान बाहर से खरीद कर लाना पड़ता है। मेडिसिन विभागाध्यक्ष की कमान संभालने के बाद प्रो. रिचा गिरी ने महीने में 150-160 डायलिसिस का लक्ष्य निर्धारित किया है। पहले 50-60 डायलिसिस होती थी, जो बढ़कर 110-120 तक पहुंच गई है। दूसरी तरफ अब प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने महीने में पांच सौ डायलिसिस का लक्ष्य दिया है। लक्ष्य पूरा करने के लिए सुविधाएं और संसाधन बढ़ाने की जरूरत नहीं समझी गई। मात्र चार मशीनों के भरोसे शासन के दिए लक्ष्य को पूरा करना टेढ़ी खीर है।

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11 दिन ठप रहने के बाद आज से शुरू होगा डायलिसिस डायलिसिस यूनिट में चार मशीनें और आरओ प्लांट है। इनका वार्षिक रखरखाव अनुबंध (एएमसी) नहीं कराया जाता है। आरओ प्लांट खराब होने से पिछले 11 दिनों से डायलिसिस ठप है। प्लांट की मंगलवार को मरम्मत की गई। बुधवार से डायलिसिस शुरू होगी।

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किडनी खराब है। डायलिसिस के लिए आए थे, लेकिन लौटा दिया। बताया गया कि मशीन खराब है।

- सागर निषाद, शादीपुर, फतेहपुर

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बुधवार को पहली बार डायलिसिस कराने आए थे। मशीन खराब होने पर लौट गए।

- लखन सिंह , पुखरायां, कानपुर देहात

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डॉक्टर ने डायलिसिस के लिए कहा है। पहली बार आए थे, मशीन खराब होने पर लौट गए। - हैदर अब्बास, रावतपुर

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पहली बार आए थे। उन्हें डायलिसिस मशीन खराबी बताई तो नर्सिग होम चले गए।

- रामजी सोनकर , बाबूपुरवा

--------- शासन से लक्ष्य मिला है, लेकिन सुविधाएं व संसाधन सीमित हैं। दो शिफ्ट में डायलिसिस हो रही है। आरओ प्लांट की मंगलवार को मरम्मत हुई है। बुधवार से डायलिसिस की सुविधा मिलेगी।

- प्रो. रिचा गिरी, विभागाध्यक्ष, मेडिसिन, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।


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