झकरकटी बस अड्डे पर ई-वे बिल न जीएसटी
जागरण संवाददाता, कानपुर : वाणिज्यकर की टीम सेंट्रल स्टेशन और ट्रांसपोर्ट नगर पर तो पैनी निगा
जागरण संवाददाता, कानपुर : वाणिज्यकर की टीम सेंट्रल स्टेशन और ट्रांसपोर्ट नगर पर तो पैनी निगाह रखे है लेकिन झकरकटी बस अड्डे से प्रतिदिन भारी मात्रा में माल की ढुलाई हो रही है। यहां न तो टीम को ई-वे बिल दिखाई दे रहा है और न ही जीएसटी।
झकरकटी बस अड्डे पर उप्र के अलावा दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड की 1400 बसों का आना जाना है। इस बस अड्डे से पूर्वाचल की 400 से अधिक बसें ऐसी हैं, जिनसे माल ढुलाई का काम धड़ल्ले से चल रहा है। देवरिया, बेल्थरा रोड, मऊ, वाराणसी, आजमगढ़, बलिया, गोरखपुर, गोंडा, जौनपुर, प्रतापगढ़, बस्ती, बहराइच समेत दर्जनों ऐसे जिले हैं, जहां के व्यापारी बस के चालक व कंडक्टर से सेटिंग किए हुए हैं। तमाम ऐसे चालक व कंडक्टर हैं जो व्यापारियों के माल की खरीदारी करते हैं और दिन में सीट के नीचे माल को रख लेते हैं। ऐसे माल की कोई बुकिंग नहीं होती। कई बसें तो ऐसी हैं, जो यात्रियों का इंतजार नहीं करतीं और भरपूर माल मिलते ही रवाना हो जाती हैं।
80 किलो वजन तक बुकिंग
झकरकटी बस अड्डे पर 20 किलो से 80 किलो वजन तक के पैकेट की बुकिंग हो रही है लेकिन इन पैकेट में कितना टैक्स अदा किया गया है, ये कोई देखने वाला नहीं है। वाणिज्यकर के नियमों के मुताबिक 50 किलो से अधिक हर माल पर ई-वे बिल का नियम लागू होगा।
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परिवहनकर्मी ई-वे बिल या जीएसटी कागज नहीं चेक कर सकते। बस अड्डा के मुख्य गेट पर कर्मी तैनात हैं जो माल को पार्सल घर तक ले जाते हैं। प्रयास होता है कि बिना बुक कोई माल नहीं जाए।
राजीव कटियार, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक झकरकटी बस अड्डा