Saifai Panchayat Chunav Result 2021: पचास साल बाद टूटी निर्विरोध की परंपरा, अब किसके सिर बंधेगा ताज
Etawah UP Gram Panchayat Chunav Result 2021 समाजवादी पार्टी के गढ़ सैफई गांव में पचास साल से मुलायम सिंह के करीबी दर्शन सिंह यादव ही निर्विरोध प्रधान चुने गए है। उनके निधन के बाद पहली बार बदले आरक्षण से प्रधान सीट पर अनुसूचित जाति के प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा है।
इटावा, जेएनएन। आजादी के सात दशक के लंबे अंतराल के बाद उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक चर्चित मानी जाने वाली सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई की ग्राम प्रधानी पर सबकी निगाहे हैं। पचास साल से सैफई गांव में ग्राम पंचायत के लिए वोट ही नहीं पड़ सके। हर बार ग्राम पंचायत चुनाव में मुलायम सिंह के करीबी दर्शन सिंह यादव ही निर्विरोध प्रधान बनते रहे। उनके निधन के बाद पहली बार सैफई ग्राम पंचायत में इस बार मतदाताओं ने वोट डाले हैं। इस बार भी प्रधानी का ताज मुलायम परिवार के करीबी के सिर बंधने की उम्मीद जताई जा रही है।
निर्विरोध की परंपरा पर लगा ब्रेक
अनुसूचित जाति के लिए सैफई ग्राम पंचायत प्रधान पद आरक्षित होने के बाद एकमत होकर मुलायम परिवार ने उनके करीबी बुजुर्ग रामफल वाल्मीकि को प्रधान पद के लिए तय कर दिया था लेकिन विनीता के नामांकन कर देने से सैफई में निर्विरोध निर्वाचन की परंपरा पर ब्रेक लग गया। इसी कारण पहली दफा प्रधान पद के लिए वोट डाले गए थे।
पहले कभी नहीं हुआ मतदान
पहले कभी भी सैफई गांव में प्रधान पद के लिए मतदान नहीं हुआ था। वर्ष 1971 से लगातार प्रधान निर्वाचित होते आ रहे दर्शन सिंह यादव का पिछले साल 17 अक्टूबर को निधन हो गया था। रामफल भी दर्शन सिंह यादव की तरह ही मुलायम सिह यादव के बेहद करीबी रहे हैं। दर्शन सिंह यादव से पहले वर्ष 1947 से चौ. महेंद्र सिंह यादव लगातार प्रधान चुने जाते रहे थे।
सैफई द्वितीय सीट पर बीस साल बाद चुनाव
इसी तरह सैफई द्वितीय सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चचेरे भाई अंशुल यादव जिला पंचायत सदस्य के प्रत्याशी हैं। इस पद के लिए यहां 20 साल बाद मतदान हुआ है। वर्ष 2000 से सैफई में निर्विरोध जिला पंचायत सदस्य चुना जाता रहा है।