प्रबुद्धजन से विमर्श में राम मंदिर निर्माण पर राय, संसद में कानून बनाए सरकार
देश के मौजूदा हालात पर सह सरकार्यवाह होसबोले ने की परिचर्चा। संघ प्रमुख मोहन भागवत के विचार पर लगाई मुहर।
कानपुर (जागरण संवाददाता)। देश के मौजूदा हालात पर संघ प्रमुख मोहन भागवत के जो विचार हैं, उनसे शहर के प्रबुद्धजन ने पूरी तरह से सहमति जताई है। सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले से परिचर्चा में सभी ने शिक्षा, संस्कार जैसे विषयों पर अपने विचार साझा किए। साथ ही एक राय मुखर होकर सामने आई कि सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में कानून लाना चाहिए।
दो घंटे चली बैठक, सरसंघचालक का पूरा भाषण सुनाया
संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने शहर के साकेत नगर स्थित होटल में शहर के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रबुद्धजन से विचार-विमर्श किया। उनका मुख्य मकसद विजयादशमी पर सरसंघचालक मोहन भागवत के दिए भाषण पर प्रबुद्धजनों से फीडबैक लेना था। लगभग दो घंटे चली बैठक में सह सरकार्यवाह ने सबसे पहले सरसंघचालक का पूरा भाषण पढ़कर सुनाया। फिर एक-एक बिंदु को उठाकर उस पर चर्चा की।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक द्विपक्षीय संवाद में इस पर सभी की सहमति थी कि नोटबंदी के बाद अर्बन नक्सल की फंडिंग कमजोर पड़ी है। संयुक्त परिवारों में बिखराव से बच्चों में संस्कारों का क्षरण हो रहा है। चैनलों पर इतनी अधिकता में प्रसारित हो रहे असंस्कारित कार्यक्रमों पर रोक लगनी चाहिए। शैक्षिक संस्थानों में अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। भाजपा शासनकाल में सैन्य मनोबल बढ़ा है।
शिक्षा व्यवस्था में बदलाव, शंकराचार्यों को सम्मान, आयोगों और पुलिस व्यवस्था में परिवर्तन के सुझाव भी आए। जब होसबोले ने राम मंदिर निर्माण के विषय पर चर्चा शुरू की तो प्रबुद्धजन का कहना था कि सरकार को संसद में कानून बनाकर मंदिर निर्माण करना चाहिए। इस पर सह सरकार्यवाह का कहना था कि हम सरकार पर दबाव नहीं बनाते। यह सरकार का निर्णय है। हम तो समाज को एकजुट कर उसके जरिए ही काम करते हैं। परिचर्चा के बाद आभार प्रदर्शन पूर्वी उप्र के क्षेत्र संघचालक वीरेंद्रजीत सिंह, जबकि संचालन संजीव पाठक ने किया।
ये हुए परिचर्चा में शामिल
संघ के पूर्वी उप्र के क्षेत्र संपर्क प्रमुख सुरेश जी, प्रांत प्रचारक संजय जी, सह प्रांत प्रचारक श्रीराम जी, विभाग कार्यवाह भवानी भीख, प्रबुद्धजन में छत्रपति शाहूजी महाराज विवि की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता, डॉ. अंगद सिंह, डॉ. श्यामबाबू गुप्त, उद्यमी योगेश अग्रवाल, विश्वनाथ गुप्ता, पियूष अग्रवाल, संतोष अग्रवाल, आरके लोहिया, विजय पांडेय, नरेंद्र शर्मा, श्याम अरोड़ा, कृष्णा गुप्ता आदि।