और बढ़ा स्वाइन फ्लू का संक्रमण, अलवर के इंजीनियर और युवती में हुई पुष्टि
बर्रा क्षेत्र के तीन मरीजों में अब तक इन्फ्लुएंजा एएच1एन1 वायरस मिला,जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब में हुई जांच।
By Edited By: Published: Fri, 25 Jan 2019 12:03 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2019 11:36 AM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के अलवर में तैनात जूनियर इंजीनियर में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। उसकी शहर के बर्रा क्षेत्र में ससुराल है। बर्रा की ही एक युवती में भी स्वाइन फ्लू का संक्रमण पाया गया है। जांच में इन्फ्लुएंजा एएच1एन1 वायरस के संक्रमण की पुष्टि गुरुवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब में हुई है। अब तक बर्रा क्षेत्र से स्वाइन फ्लू के तीन मरीज सामने आए हैं।
वायरोलॉजी लैब की रिपोर्ट मिलने के बाद जिला महामारी वैज्ञानिक डॉ. देव सिंह की अगुवाई में रैपिड रिस्पांस टीम मरीजों का भौतिक सत्यापन करने के लिए गुरुवार सुबह एलएलआर के संक्रामक रोग अस्पताल (आइडीएच) पहुंची। सीएमएस डॉ. अनूप शुक्ला ने बताया कि दोनों मरीज एलएलआर ओपीडी से थ्रोट स्वाब का नमूना दे गए थे। गुरुवार को जांच रिपोर्ट लेने मरीज के रिश्तेदार आए थे। टीम ने उनके परिजनों से मरीज की केस हिस्ट्री ली। सुरक्षात्मक दृष्टि से मरीज को पांच दिन की टैमी फ्लू की अतिरिक्त डोज दी है। साथ ही पत्नी, सास-ससुर व साली को दवाएं दीं। वहीं बुधवार को बर्रा-2 निवासी बच्ची में पुष्टि हुई थी, वह आइडीएच में भर्ती है। उसकी हालत में सुधार है।
अलवर से संक्रमित है इंजीनियर
डॉ. देव सिंह के मुताबिक अलवर की कंपनी में तैनात जूनियर इंजीनियर को 17-18 जनवरी से दिक्कत है। वहां सरकारी अस्पताल में इलाज चला था। शनिवार को बर्रा-6 स्थित ससुराल आ गए। सोमवार को ओपीडी में दिखाया। मंगलवार को नमूना जांच के लिए लिया गया, जिसकी आज रिपोर्ट आई है।
युवती व परिजनों को दी दवाएं
डॉ. सिंह ने बताया कि दूसरी संक्रमित मरीज बर्रा-2 की है। मरीज, उसके माता-पिता, दादा-दादी, दो छोटे भाई और उनके यहां किराये में रह रहे परिवार के पांच व्यक्तियों को दवाएं दीं। उनको एन-95 मास्क दिए गए हैं। स्वाइन फ्लू का एक और संदिग्ध बाल रोग अस्पताल में बर्रा-8 निवासी एक ढाई वर्ष की बच्ची भर्ती हुई। स्वाइन फ्लू के संदेह में उसके थ्रोट स्वाब का नमूना जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
वायरोलॉजी लैब की रिपोर्ट मिलने के बाद जिला महामारी वैज्ञानिक डॉ. देव सिंह की अगुवाई में रैपिड रिस्पांस टीम मरीजों का भौतिक सत्यापन करने के लिए गुरुवार सुबह एलएलआर के संक्रामक रोग अस्पताल (आइडीएच) पहुंची। सीएमएस डॉ. अनूप शुक्ला ने बताया कि दोनों मरीज एलएलआर ओपीडी से थ्रोट स्वाब का नमूना दे गए थे। गुरुवार को जांच रिपोर्ट लेने मरीज के रिश्तेदार आए थे। टीम ने उनके परिजनों से मरीज की केस हिस्ट्री ली। सुरक्षात्मक दृष्टि से मरीज को पांच दिन की टैमी फ्लू की अतिरिक्त डोज दी है। साथ ही पत्नी, सास-ससुर व साली को दवाएं दीं। वहीं बुधवार को बर्रा-2 निवासी बच्ची में पुष्टि हुई थी, वह आइडीएच में भर्ती है। उसकी हालत में सुधार है।
अलवर से संक्रमित है इंजीनियर
डॉ. देव सिंह के मुताबिक अलवर की कंपनी में तैनात जूनियर इंजीनियर को 17-18 जनवरी से दिक्कत है। वहां सरकारी अस्पताल में इलाज चला था। शनिवार को बर्रा-6 स्थित ससुराल आ गए। सोमवार को ओपीडी में दिखाया। मंगलवार को नमूना जांच के लिए लिया गया, जिसकी आज रिपोर्ट आई है।
युवती व परिजनों को दी दवाएं
डॉ. सिंह ने बताया कि दूसरी संक्रमित मरीज बर्रा-2 की है। मरीज, उसके माता-पिता, दादा-दादी, दो छोटे भाई और उनके यहां किराये में रह रहे परिवार के पांच व्यक्तियों को दवाएं दीं। उनको एन-95 मास्क दिए गए हैं। स्वाइन फ्लू का एक और संदिग्ध बाल रोग अस्पताल में बर्रा-8 निवासी एक ढाई वर्ष की बच्ची भर्ती हुई। स्वाइन फ्लू के संदेह में उसके थ्रोट स्वाब का नमूना जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
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