Kanpur Metro के दो अंडरग्राउंड स्टेशन के बीच बनेगी आपातकालीन सुरंग, ट्रेन करेगी एचबीटीयू के इतिहास का प्रचार-प्रसार
मोतीझील से अंडरग्राउंड टनल में ट्रैक बिछाया जाएगा यहां से ट्रेन गुजरते समय यदि कभी कोई आपात स्थिति बनेगी तो यात्रियों को बाहर निकालने के लिए हर दो स्टेशनों के बीच आपातकालीन सुरंग बनाई जा रही है ।
कानपुर, जेएनएन। मेट्रो की अंडरग्राउंड टनल का काम इसी माह शुरू हो जाएगा। प्रत्येक टनल की चौड़ाई 6.6 मीटर की होगी। दोनों टनलों के बीच तकरीबन नौ मीटर की दूरी रखी जाएगी। हर पांच सौ मीटर की दूरी पर दोनों टनल के बीच एक आपातकालीन रास्ता भी होगा, ताकि किसी भी आपात स्थिति में फंसे यात्री एक से दूसरी टनल में आ सकें। चंूकि कानपुर में दो स्टेशनों के बीच एक किमी से कम दूरी है। ऐसे में हर आपातकालीन रास्ता दो अंडरग्राउंड स्टेशनों के बीच पड़ेगा।
अंडरग्राउंड टनल का काम शुरू करने के लिए सैम इंडिया गुलेरमॉक की टीम इसी माह कानपुर आ जाएगी। इसके साथ ही टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) भी मंगाई जाएगी। मेट्रो अधिकारियों को उम्मीद है कि इसी माह टनल का काम शुरू कर दिया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक टनल की सामान्य गहराई 40 फीट होगी, फिलहाल पहले अंडरग्राउंड रूट पर चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज स्टेशन का काम होना है। यहां नौ मीटर की दूरी पर दो टनल बनेंगे।
इनके बीच में आपातकालीन रास्ता भी दिया जाएगा। पहले देश में अमेरिकन मानक के हिसाब से हर 242 मीटर के बाद सुरक्षित रास्ता निकाला जाता था, लेकिन दो वर्ष पहले मेट्रो ने भारतीय मानक पांच सौ मीटर की दूरी का निर्धारित किया है। यानी टनल में हर पांच सौ मीटर की दूरी पर दोनों टनलों के बीच आपातकालीन रास्ता बनेगा। इसका दरवाजा भी फायर प्रूफ होगा, ताकि यदि कभी आग लगे तो एक टनल से दूसरी टनल में आग न पहुंच सके।
मेट्रो करेगी एचबीटीयू के इतिहास का प्रचार-प्रसार
मेट्रो ट्रेन और उसके स्टेशन पर होर्डिंग्स और प्रचार के अन्य माध्यमों से हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) के गौरवशाली इतिहास का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसमें यूनिवर्सिटी के शताब्दी वर्ष की उपलब्धियां, देश और विदेश में रहने वाले पुरातन छात्रों के बारे में बताया जाएगा। यह निर्णय एचबीटीयू की बुधवार को हुई कार्य परिषद की बैठक में लिया गया।
भविष्य में अगर कोई स्टेशन विश्वविद्यालय के नजदीक बनेगा तो उसका नाम विश्वविद्यालय के नाम पर रखा जाएगा। कार्य परिषद ने मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को यार्ड के लिए छह हेक्टेयर जमीन और देने की स्वीकृति कर दी है। फिलहाल विश्वविद्यालय के पश्चिमी कैंपस की कुल 12 हेक्टेयर जमीन मेट्रो को किराए पर दी गई है। कुलसचिव प्रो. नीरज सिंह ने बताया कि मौजूदा वर्ष को शताब्दी वर्ष के तौर पर मनाया जा रहा है।