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हैलट में बदलेगी इमरजेंसी की व्यवस्था, कुछ इस तर्ज पर अब होने जा रहा काम, यहां पर लीजिए पूरी जानकारी

मंडलायुक्त ने समस्याओं में सुधार के लिए प्राचार्य को निर्देश दिए। इस पर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने तत्काल व्यवस्था में बदलाव के आदेश इमरजेंसी प्रभारी को दिए हैं। अब इमरजेंसी में आने वाले एवं भर्ती होने वाले प्रत्येक मरीज का रिकॉर्ड रखा जाएगा।

By Akash DwivediEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 11:17 AM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 11:17 AM (IST)
दस्तावेज चेक किए और मरीजों से बातचीत भी की

कानपुर, जेएनएन। हैलट अस्पताल की इमरजेंसी में रोज-रोज मरीजों को भर्ती न करने और जिम्मेदार डॉक्टरों की गैर मौजूदगी से अव्यवस्था उत्पन्न हो रही है। साथ ही अस्पताल की बदनामी भी हो रही है। इसे गंभीरता से लेते हुए मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर सोमवार सुबह निरीक्षण के लिए हैलट इमरजेंसी पहुंचे। दस्तावेज चेक किए और मरीजों से बातचीत भी की।

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मंडलायुक्त ने समस्याओं में सुधार के लिए प्राचार्य को निर्देश दिए। इस पर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने तत्काल व्यवस्था में बदलाव के आदेश इमरजेंसी प्रभारी को दिए हैं। अब इमरजेंसी में आने वाले एवं भर्ती होने वाले प्रत्येक मरीज का रिकॉर्ड रखा जाएगा। उनका नाम, पता व मोबाइल नंबर अंकित किया जाएगा।

आयुक्त ने हैलट इमरजेंसी के निरीक्षण के दौरान डॉक्टरों, कर्मचारियों और मरीजों व तीमारदारों से मुलाकात की। यहां की व्यवस्था का गहन अध्ययन किया। प्राचार्य को एडी हेल्थ एवं सीडीओ की दो सदस्यीय कमेटी के सुझाव पर तीन दिन के अंदर अमल में लाने के निर्देश दिए। इस दौरान नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी एवं अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. जीके मिश्रा भी मौजूद रहे।

भर्ती होने से मना करने पर मरीज को समझाएं : प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने निर्देश दिया है अगर कोई मरीज भर्ती होने से इन्कार करता है तो उसे मर्ज की गंभीरता एवं उससे स्वास्थ्य पर हो वाले असर की जानकारी दें। उसका पूरा रिकार्ड भी बनाएं, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की दिक्कत होने पर उससे संपर्क किया जा सके।

तत्काल लागू करें फीडबैक सिस्टम : मंडलायुक्त ने सेवाओं में सुधार एवं गुणवता बढ़ाने के लिए मरीज की छुट्टी होने पर उससे या उसके स्वजनों से फीडबैक फार्म भराने का सुझाव दिया। इस व्यवस्था को दो दिन के अंदर लागू करने का आदेश दिया। इसे भराने वाले कर्मचारी से 30 सेकेंड का वीडियो फुटेज भी बनवाएं, जिसे सुरक्षित रखा जाए। इसके आधार पर मिले सुझाव पर विभागाध्यक्ष एवं प्राचार्य सुधार की योजना बनाएंगे। महीने में इसकी रिपोर्ट मंडलायुक्त को देंगे।  


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