अप्रैल से शुरू होगी देश के पहले स्किल इंस्टीट्यूट में पढ़ाई
कानपुर देश के पहले नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एनएसटीआइ) में अप्रैल से पढ़ाई शुरू हो जाएगी। पढ़ाई एयर क्राफ्ट के महत्वपूर्ण उपकरणों और पुर्जो की जानकारी देकर कराई जाएगी जिसके लिए संस्थान ने सेना से पुराना हवाई जहाज मांगा है।
शशांक शेखर भारद्वाज, कानपुर
देश के पहले नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एनएसटीआइ) में अप्रैल से पढ़ाई शुरू हो जाएगी। पढ़ाई एयर क्राफ्ट के महत्वपूर्ण उपकरणों और पुर्जो की जानकारी देकर कराई जाएगी, जिसके लिए संस्थान ने सेना से पुराना हवाई जहाज मांगा है। नए सत्र से एनएसटीआइ की निर्माणाधीन बिल्डिंग में शुरू होने जा रहे इस एयरक्राफ्ट फ्रेम फिटर कोर्स के साथ इंटेलीजेंस ऑफ थिंग्स, मैकाट्रॉनिक्स, साइबर सिक्योरिटी के कोर्स संचालित होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में गोविंदनगर स्थित एटीआइ परिसर में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स (आइआइएस) का शिलान्यास किया था। बिल्डिंग का निर्माण शुरू हुआ लेकिन, कुछ महीने बाद ही बंद हो गया। सरकार की ओर से आइआइएस को एनएसटीआइ में तबदील कर दिया गया। बजट जारी हुआ और दोबारा से कार्य चालू हो गया। बिल्डिंग का निर्माण कर रही कंपनी ने अप्रैल तक काम पूरा कर लेगी। इसको देखते हुए एनएसटीआइ प्रशासन में कोर्स चालू करने की सहमति बन गई है। अभी बिल्डिंग के 600 वर्ग मीटर क्षेत्रफल ही इस्तेमाल किया जाएगा। यह व्यवस्था भवन के न बनने की स्थिति में होगी। अगर भवन पूरी तरह से तैयार हो गया तो उसको अधिग्रहीत किया जाएगा।
---------------------
कौन कौन से चलेंगे कोर्स
1. एयर फ्रेम में फिटर : एयरक्राफ्ट मेंटीनेंस और उसके उपकरणों के फंक्शन के बारे में पढ़ाई कराई जाएगी। कोर्स दो साल का होगा।
2. इंटेलीजेंस ऑफ थिंग्स : ड्रोन, रोबोट समेत अन्य उपकरणों को अत्याधुनिक बनाने की तकनीक सिखाई जाएगी। एक साल का कोर्स रहेगा।
3. मैकेट्रॉनिक्स : औद्योगिक इकाइयों में उपयोग किया जा रहा है। सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों में विशेषज्ञों की मांग है। दो वर्षीय कोर्स चलेगा।
4. साइबर सिक्योरिटी : साइबर सुरक्षा की जानकारी दी जाएगी। उसी पर आधारित पढ़ाई होगी। एक वर्ष का कोर्स होगा।
------------------------
आइटीआइ पास कर सकेंगे आवेदन
आइटीआइ या फिर दसवीं पास छात्र-छात्राएं कोर्स के लिए आवेदन कर सकेंगे।
------------------------
नए सत्र से चार कोर्स चालू करने की तैयारियां हो गई हैं। बिल्डिंग नहीं तैयार होने की स्थिति में 600 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल में कोर्स संचालित किया जाएगा।
- वीके शुक्ला, निदेशक एनएसटीआइ