उड़ती धूल और बढ़ते प्रदूषण से लोग हुए परेशान, महज कागजों में रह गए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिए गए सुझाव
कानपुर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रमुख निर्माण कार्यों को लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण मेट्रो रेल कारपोरेशन और पनकी पावर हाउस प्रबंधन को सुझाव तो दे दिए लेकिन सारे सुझावों महज कागजों में रह गए है।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 12 Nov 2022 04:54 PM (IST)Updated: Sat, 12 Nov 2022 04:54 PM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। सर्दी के साथ प्रदूषण बढ़ रहा है लेकिन रोकथाम के नाम पर सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाए जा रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रमुख निर्माण कार्यों को लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, मेट्रो रेल कारपोरेशन और पनकी पावर हाउस प्रबंधन को सुझाव तो दे दिए लेकिन इसका असर कहीं नजर नहीं आ रहा। वाहन गुजरते ही निर्माण स्थलों के पास धूल के गुबार उड़ते हैं।
मंधना के पास जीटी रोड का काम हो या शहर में बड़ा चौराहा के पास मेट्रो रेल निर्माण या फिर पनकी पावर हाउस में निर्माणाधीन नई इकाई का काम। सभी जगह निर्माण सामग्री खुली पड़ी है और अन्य मानकों व सुझावों की भी अनदेखी की जा रही है। गति नियंत्रित रखने के सुझाव देते बोर्ड भी कहीं नहीं दिखते।
गंगापुल की मरम्मत न हाईवे पर साफ-सफाई
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जाजमऊ गंगापुल का अनुरक्षण कार्य जल्द कराने और जाजमऊ से भौंती तक सड़क मरम्मत के साथ ही दोनों किनारों से धूल उठवाने के निर्देश दिए थे लेकिन कहीं भी ऐसा नहीं हो रहा है। नौबस्ता से यशोदा नगर तक बायीं ओर सर्विस रोड पर कूड़ा डंप किया जा रहा है और जलाया भी जा रहा है। इसकी रोकथाम या दोषियों पर कार्रवाई के कोई इंतजाम नहीं हुए।
ये करने थे उपाय
- कार्यस्थल क्षेत्रों एवं डायवर्जन सर्विस रोड के प्रवेश व निकास के पास पीटीजेड कैमरे की स्थापना।
- डस्ट ऐप पर पंजीयन कर धूल न उड़ाने की स्वत: जानकारी अपडेट करें।
- निर्माणाधीन साइट के पास वाहनों की आवाजाही की गति 10 किमी. प्रतिघंटा।
- कार्यस्थल निर्माणाधीन साइट एवं अस्थायी सर्विस रोड पर धूल उड़ने से रोकने के लिए दिन में तीन बार जल का छिड़काव कराएं।
- निर्माणाधीन साइट पर समुचित ऊंचाई पर बैरीकेडिंग के साथ हरे पर्दे से ढका जाए।
- निर्माणाधीन साइट एवं अस्थायी सर्विस रोड पर जमी धूल हटाने के लिए समय-समय पर रोड मैकेनिकल स्वीपिंग/मैनुअल स्वीपिंग एवं साइट/कार्यस्थल पर वाटर वाशिंग के माध्यम से धूल नियंत्रण के उपाय किए जाएं।
- निर्माणाधीन साइट पर रखे गये निर्माण सामग्री जैसे सीमेंट, एग्रीगेट, मौरंग इत्यादि को ढक कर रखा जाए।
- कार्यस्थल एवं निर्माणाधीन साइट के पास उड़ने वाली धूल रोकने के लिए एंटी स्माग गन या स्प्रिंकलर के जरिए जल छिड़काव किया जाए।
विभाग की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं और लापरवाही बरतने वाले विभागों को नोटिस जारी किए गए हैं। जल्द ही पुन: निरीक्षण किया जाएगा। लापरवाही पर जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। - अमित मिश्र, क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।
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