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चालक की मौत पर सिटी बसों का चक्का जाम

फजलगंज सिटी बस डिपो में एक चालक की संदिग्ध हालात में मौत होने से गुस्साए चालकों व परिचालकों ने बसों का चक्काजाम करके शव डिपो में रख जमकर हंगामा किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 01:51 AM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 01:51 AM (IST)
चालक की मौत पर सिटी बसों का चक्का जाम
चालक की मौत पर सिटी बसों का चक्का जाम

जागरण संवाददाता, कानपुर : फजलगंज सिटी बस डिपो में एक चालक की संदिग्ध हालात में मौत होने से गुस्साए चालकों व परिचालकों ने बसों का चक्काजाम करके शव डिपो में रख जमकर हंगामा किया। देर शाम तक बसों की हड़ताल जारी रही।

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फजलगंज सिटी बस डिपो में गंगागंज निवासी रवि शुक्ला (32) चालक था। वह तीन दिनों से ड्यूटी पाने के लिए डिपो में ही रुका था पर उसे ड्यूटी नहीं दी जा रही थी। उसके पास जितने रुपये थे, वह खत्म हो गए थे। शुक्रवार दोपहर उसकी तबियत बिगड़ने लगी। उसने साथियों से रुपये मांगे पर किसी ने नहीं दिए। वह श्यामा श्याम कंपनी के डिपो मैनेजर के पास गया तो उन्होंने सौ रुपये दिए और कहा कि बस में शीशा लगवा लेना और खाना भी खा लेना लेकिन उसके शरीर में इतना दम नहीं था कि शीशा लगवाने जाता। शाम साढ़े चार बजे वह बेहोश हो गया तो कंपनी के निदेशक पंकज ने एलएलआर अस्पताल भिजवाया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौत होते ही उसका शव कंपनी के स्टाफ ने एंबुलेंस से उसके घर गंगागंज भिजवा दिया।

मौत पर भड़के चालक-परिचालक

शनिवार सुबह ड्यूटी पर आए चालक, परिचालकों को जानकारी हुई तो उन्होंने फजलगंज मार्ग जाम कर बसें डिपो से निकालने से मना कर दिया। इसके बाद कंपनी का स्टाफ कार्यालय में ताला लगा कर भाग खड़ा हुआ। वहीं चालक और परिचालक गंगागंज पहुंचे और रवि का शव लेकर डिपो आए। यहां शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। दोपहर साढ़े बारह बजे पहुंचे सीओ गोविंद नगर आरके चतुर्वेदी ने प्रदर्शनकारियों को समझाकर शांत कराया पर चालकों ने बसें नहीं निकालीं।

दिया गया 50 हजार मुआवजा

सिटी बसों का संचालन दोबारा शुरू कराने के लिए तत्काल सहायता के रूप में रवि शुक्ला की पत्नी ¨रकी को 50 हजार रुपये की सहायता दी गई। बीमा, फंड व अन्य बकाया बाद में दिया जाएगा।

कई-कई दिन ड्यूटी नहीं मिलती

सिटी बस संविदा चालक एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिनव शुक्ला का आरोप है कि कई कई दिन चालक ड्यूटी के लिए डिपो में पड़े रहते हैं। रवि को तीन दिनों से टरकाया जाता रहा, जिससे उसके पास खाने तक को रुपये नहीं बचे।

बच्चों के सामने रोटी का संकट

रवि शुक्ला के परिवार में उसकी पत्नी ¨रकी के अलावा तीन बच्चे लक्ष्मी (5) गायत्री (3) और राहुल (2) हैं। रवि के ससुर जगदीश का कहना है कि परिवार में कोई ऐसा नहीं है, जो इन बच्चों की देखभाल करे।

17 जुलाई को अंतिम ड्यूटी की

रवि लो फ्लोर बस चलाता था। उसने अंतिम बार 17 जुलाई को बस संख्या 4739 पर ड्यूटी की। उसने सुबह 10.55 बजे डिपो से बस निकाली और शाम 5.25 बजे बस डिपो में लाकर खड़ी की।

डिपो से नहीं निकलीं सिटी बसें

फजलगंज नगर बस डिपो में चालक की मौत के बाद हुई हड़ताल के चलते 120 बसें डिपो से नहीं निकल सकीं, जिससे लोग परेशान रहे। इस संबंध में सिटी बसों के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज शर्मा का कहना है कि मृतक आश्रित को हर संभव मदद दी जाएगी। सिटी बसों का संचालन बहाल कराने का प्रयास किया जा रहा है।


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