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प्रदूषित पानी पीना बेहद खतरनाक, कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के साथ ही खराब हो सकते गुर्दे Kanpur News

प्रदूषित जल के सेवन से कम होने लगती रोग प्रतिरोधक क्षमता सुस्त होने लगता है शरीर।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 01:27 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 01:27 PM (IST)
प्रदूषित पानी पीना बेहद खतरनाक, कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के साथ ही खराब हो सकते गुर्दे Kanpur News
प्रदूषित पानी पीना बेहद खतरनाक, कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के साथ ही खराब हो सकते गुर्दे Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। गंदे और अत्यधिक प्रदूषित पानी का सेवन सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। पीने के पानी में क्रोमियम, आर्सेनिक, लेड, कैडमियम आदि मेटल्स की अधिकता से कैंसर, लकवा, हृदयरोग के साथ ही गुर्दा और लिवर खराब हो सकते हैं। इसके नकारात्मक परिणाम कुछ ही दिन में सामने आने लगते हैं। व्यक्ति धीरे-धीरे सुस्त होने लगता है और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। छोटी-छोटी बीमारियां शरीर में जगह बनाने लगती हैं।

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हैवी मेटल्स से प्रभावित होता नर्वस सिस्टम

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एसके गौतम ने बताया कि हैवी मेटल्स से सेंट्रल नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। चक्कर आना, बेहोशी और चलने-फिरने में दिक्कत होती है। दूषित पानी के सेवन से गैस, कब्ज, पीलिया, अपच, लिवर में सूजन की समस्या शुरू हो जाती है। क्रोमियम, आर्सेनिक गुर्दा, हृदय, लिवर कैंसर की वजह बन सकता है। लेड से लकवा होता है। डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. नंदिनी रस्तोगी ने बताया कि भारी मेटल्स की वजह से मधुमेह, हार्ट अटैक हो सकता है। सुनने की क्षमता प्रभावित होती है। रक्त संबंधी कई समस्याएं होने की आशंका बढ़ जाती है। मैग्नीशियम, सल्फेट, कार्बोनेट से टायफाइड, पीलिया की दिक्कत होती है। फ्लोराइड की अधिकता से दांत-जोड़ कमजोर होते हैं।

राखी मंडी और खानचंद्रपुर के पानी में जहरीले तत्व

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की गंगा मॉनीटङ्क्षरग कमेटी ने अगस्त में कानपुर देहात रनियां के खानचंद्रपुर और जूही राखी मंडी क्षेत्र में पानी के नमूने लिए थे। उनकी जांच नई दिल्ली में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की विशेष लैब से कराई गई। बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक दोनों ही जगह पानी में घातक तत्व मिले हैं। खानचंद्रपुर में बोरवेल व हैंडपंप से नमूने भरे गए, जिसका रंग पीला मिला। वहीं राखी मंडी में पेट्रोल पंप की बोङ्क्षरग से 150 फीट की गहराई से सैंपल लिया गया। पानी का रंग हरा नजर आया।

खानचंद्रपुर गांव का पानी जहरीला

खानचंद्रपुर में कई जगह पानी के नमूने लिए गए थे। यहां टोटल क्रोमियम (ट्राईवैलेंट और हैक्सावैलेंट) की मात्रा मानक से कई गुणा अधिक मिली। फ्लोराइड का घनत्व भी हानिकारक स्तर पर पाया गया। यह मात्रा पीने योग्य पानी के लिए बिलकुल भी मुफीद नहीं है। तीन अलग-अलग स्थानों में टोटल क्रोमियम की मात्रा 1.87, 42.2 और 7.48 मिलीग्राम प्रति लीटर पाई गई। मानक के अनुरूप 0.05 मिलीग्राम प्रति लीटर होनी चाहिए। टीडीएस की मात्रा भी हानिकारक स्तर पर मिली। भूजल में मैगनीज, कॉपर, आयरन, सीलेनियम, लेड, निकिल, कैडमियम आदि खतरनाक तत्वों की पुष्टि हुई।

मेटल         मानक       स्थिति

क्रोमियम     0.05        42.2

आयरन         0.3        0.78

मैगनीज        0.1        0.13

निकिल       0.02    मानक अनुरूप

कैडमियम  0.003    मानक अनुरूप

लेड             0.01  मानक अनुरूप

सीलेनियम   0.01     मानक अनुरूप

(मात्रा मिलीग्राम प्रति लीटर में)

सेहत के लिए खतरनाक राखी मंडी का भूजल

जूही राखी मंडी में पीने योग्य पानी का आकलन करने के लिए टोटल डिसॉल्वड सॉलिड (टीडीएस) की जांच की गई। टीडीएस की मात्रा से उसमें रासायनिक अशुद्धियों का पता चलता है। यहां टीडीएस मानक से कई गुणा अधिक पाया गया। साफ पानी का मानक 500 मिलीग्राम प्रति लीटर है। अशुद्धियों में क्रोमियम (मेटल), हैक्सावैलेंट क्रोमियम (कंपाउंड), फ्लोराइड (आइओन्स) व सल्फेट (कंपाउंड) मानक से काफी ज्यादा पाया गया। टोटल क्रोमियम का स्तर 0.05 से 1.03 मिलीग्राम प्रति लीटर मिला। सल्फेट का मानक 200, फ्लोराइड का एक, हैक्सावैलेंट क्रोमियम का 0.05 मिलीग्राम प्रति लीटर होता है।  


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