सोशल मीडिया की सूचनाओं से दूरी, सोशल वैक्सीन है जरूरी
जागरण संवाददाता कानपुर कोरोना वायरस का संक्रमण पहले के मुकाबले काफी कम हो गया है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : कोरोना वायरस का संक्रमण पहले के मुकाबले काफी कम हो गया है। आमजन अपनी जिम्मेदारी समझें, जिससे यह पूरी तरह खत्म हो जाए। कई देशों में कोविड-19 का सेकेंड वेव आ गया है, जबकि भारत में इसे जागरूकता से रोका जा सकता है। सोशल मीडिया की सूचनाओं पर यकीन न करें। मास्क और शारीरिक दूरी का पूरा पालन किया जाए। यह फॉर्मूला आइसीएमआर के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर के निदेशक डॉ. रजनीकांत श्रीवास्तव ने संक्रमण रोकने के लिए वेबिनार के माध्यम से सुझाया। उन्होंने कहा कि सोशल वैक्सीन जरूरी है जब भी किसी से मिलें, दो गज की दूरी बनी रहे। आइसीएमआर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पैथोलॉजी की पूर्व निदेशक डॉ. पूनम सलोत्रा ने कहा कि हर बुखार कोरोना वायरस का बुखार नहीं होता है। डेंगू, चिकुनगुनिया, मलेरिया में भी बुखार आता है। जांच कराना आवश्यक है। अपने आप से दवाएं मत लें। कोविड मरीज में डेंगू और मलेरिया का संक्रमण भी मिल रहा है। एम्स पटना की एसो. प्रो. वीणा सिंह ने बताया कि कोरोना ने जीवनशैली बदल दी है। इससे सीख लेकर कई तरह के संक्रामक रोगों से बचा जा सकता है। भारत ने महामारी के समय स्वास्थ्य सेवाओं को वरीयता दी है।