पनकी मंदिर में महंत पद का विवाद सुलझा, बिठूर में श्रीकृष्ण दास ने धारण किया वैराग्य
Kanpur Panki Mandir News महामंडलेश्वर जितेंद्र दास ने ब्रह्मावर्त बिठूर के रामधाम आश्रम में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संतों के साथ तिलक किया।
कानपुर, जेएनएन। श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर पनकी में महंत पद का विवाद सुलझ गया है। महंत एवं महामंडलेश्वर जितेंद्र दास ने संतों की उपस्थिति में ब्रह्मावर्त बिठूर स्थित रामधाम आश्रम में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महंत श्रीकृष्ण दास को वैराग्य धारण कराया। संतों ने उनका तिलक किया।
श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर में महंत पद को लेकर पिछले कई साल से विवाद चला आ रहा है। महंत बाबा रमाकांत दास ने चार साल पहले श्रीकृष्ण दास को उत्तराधिकारी महंत घोषित किया था। उसी समय से मंदिर के पुजारी बालक दास ने महंत पद को लेकर दावा ठोक दिया और जब बाबा रमाकांत दास ब्रह्मïलीन हुए तो यह विवाद बढ़ गया।
बालक दास ने श्रीराम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास से मुलाकात की और मंदिर में ब्रह्मïचारी महंत की परंपरा के अनुसार महंत पद अपना दावा पेश किया। महंत नृत्यगोपाल दास ने उनकी बात पहले मान ली ,लेकिन जब उन्हें बाबा रमाकांत दास द्वारा की गई वसीयत और संतों के समक्ष उत्तराधिकारी घोषित करने की बात पता चली तो उन्होंने श्रीकृष्ण दास को ही महंत घोषित किया। इसी बीच अमित नारायणा की अध्यक्षता में मंदिर के विकास के लिए श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर श्राइन बोर्ड ट्रस्ट बनाने की बात सामने आई। हालांकि इस ट्रस्ट का महंत एवं महामंडलेश्वर जितेंद्र दास ने विरोध किया और दावा किया कि उन्हें डरा धमकाकर ट्रस्ट बनाने की सहमति ली गई।
ट्रस्ट को रद करने के लिए उन्होंने न्यायालय में वाद दायर किया। इस मामले में अभी सुनवाई चल रही है। उधर महंत नृत्य गोपाल दास ने महंत जितेंद्र दास और श्रीकृष्ण दास के साथ बैठक की। महंत जितेंद्र दास से कहा कि श्रीकृष्ण दास ही महंत रहेंगे। दोनों मिलकर मंदिर के विकास के लिए काम करें।
महंत नृत्यगोपाल दास का आदेश मिलते ही अब खुद महंत जितेंद्र दास ने महंत श्रीकृष्ण दास को वैराग्य धारण कराया। जितेंद्र दास द्वारा श्रीकृष्ण दास को महंत रूप में मान्यता देने के साथ ही विवाद समाप्त हो गया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी विनय स्वरूपानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर अवध किशोर दास, बालयोगी अरुणपुरी चैतन्य, उदितानंद ब्रह्मचारी आदि संतों ने उनका तिलक किया। महंत जितेंद्र दास ने कहा कि मंदिर में महंत पद को लेकर अब कोई विवाद नहीं है। श्रीकृष्ण दास ने वैराग्य धारण कर लिया है। अब मंदिर के विकास का कार्य होगा।