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परीक्षा रद होने से CBSE के छात्रों में निराशा, वहीं UP Board वालों को इस आदेश का इंतजार

हीं दूसरी ओर यूपी बोर्ड के छात्र चाहते हैं कि उनकी परीक्षाएं होनी चाहिए। भले ही थोड़ा देर से सही। सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में जिले से लगभग 10 हजार परीक्षार्थियों को शामिल होना था तो यूपी बोर्ड में 12वीं के परीक्षार्थियों की संख्या करीब 49 हजार है

By Akash DwivediEdited By: Published: Wed, 02 Jun 2021 01:03 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jun 2021 01:03 PM (IST)
परीक्षा रद होने से CBSE के छात्रों में निराशा, वहीं UP Board वालों को इस आदेश का इंतजार
परीक्षाएं तो कराई जानी चाहिए थीं, भले ही थोड़ा देर से होतीं

कानपुर, जेएनएन। सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षाओं को रद करने का जो साहसिक फैसला पीएम नरेंद्र मोदी ने लिया, उससे छात्रों में बहुत अधिक निराशा है। वहीं दूसरी ओर यूपी बोर्ड के छात्र चाहते हैं कि उनकी परीक्षाएं होनी चाहिए। भले ही, थोड़ा देर से सही। सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में जिले से लगभग 10 हजार परीक्षार्थियों को शामिल होना था, तो यूपी बोर्ड में 12वीं के परीक्षार्थियों की संख्या करीब 49 हजार है।

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प्रधानाचार्यों की राय

  • 12वीं की परीक्षाएं रद करने का पीएम मोदी का फैसला सराहनीय है। हालांकि जिन छात्रों ने ठोस तैयारी की, वह बहुत निराश हैं। - पुनीता कपूर, प्रधानाचार्य डीपीएस आजाद नगर
  • कोरोना महामारी को देखते हुए परीक्षाएं निरस्त करने का यह एक अहम निर्णय है। सतर्कता बरतनी जरूरी थी।- रुचि सेठ, प्रधानाचार्य एलनहाउस पब्लिक स्कूल खलासी लाइन

सीबीएसई के छात्रों का ये है कहना

  • साल भर तैयारी की, वह पूरी बेकार हो गई। जबकि अभी बोर्ड से मूल्यांकन को लेकर भी तस्वीर साफ नहीं है। अब अंकों का तनाव रहेगा। - शुभांगी माहेश्वरी, कक्षा-12, डीपीएस आजाद नगर
  • परीक्षाएं रद होने से बहुत अधिक निराशा है। परीक्षाएं तो कराई जानी चाहिए थीं, भले ही थोड़ा देर से होतीं।

                                                     - नंदिनी मिश्रा, कक्षा-12, केवी कैंट

यूपी बोर्ड के प्रधानाचार्य व छात्र बोले

  • परीक्षाएं तो कराई जानी चाहिए। इससे छात्र-छात्राएं अपना मूल्यांकन खुद करते हैं। साथ ही उन्हेंं 12वीं के बाद होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में बहुत लाभ मिलता है। -रश्मि अस्थाना, प्रधानाचार्य ज्वालादेवी विद्या मंदिर इंटर कॉलेज
  • कोविड-19 के सभी मानकों के साथ परीक्षाएं होनी चाहिए। यूपी बोर्ड चाहे तो जरूरी विषयों की परीक्षा करा ले। परीक्षाओं को लेकर छात्रों की तैयारी भी पूरी है। -डॉ. अनवेश सिंह, प्रधानाचार्य चाचा नेहरू इंटर कॉलेज
  • देर से ही सही, लेकिन परीक्षाएं होनी चाहिए। अधिकतर साथी भी परीक्षाओं के पक्ष में हैं। जब इतने दिन प्रतीक्षा की तो कुछ दिन और सही। -गौतम रघुवंशी, कक्षा-12 ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज
  • छात्रों, शिक्षकों व कॢमयों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हुए यूपी बोर्ड परीक्षाएं करा सकता है। परीक्षाओं के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। -अभिषेक ओमर, कक्षा-12, चाचा नेहरू इंटर कॉलेज गोविंद नगर 

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