रेलवे स्टेशन तक पहुंचने में वाहन चालकों को होती है समस्या
रेलवे स्टेशन तक पहुंचने में वाहन चालकों को होती है समस्या
जागरण संवाददाता, कानपुर: गोविंदपुरी के टर्मिनस स्टेशन बनने में सबसे बड़ा रोड़ा सुगम रास्ते का प्रबंध न होना है। जब तक यह समस्या दूर नहीं होगी, तब तक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
रेलवे रूट के हिसाब से गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन जितनी बेहतर स्थिति में है। उतनी ही बड़ी समस्या यहां तक पहुंचने की है। वैसे तो स्टेशन तक पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं। पहला रास्ता गोविंदनगर पुराने पुल के बगल से है, जो बेहद संकरा है। इसमें एक साथ दो फोर व्हीलर वाहन निकलना भी बेहद मुश्किल है। जरा सा भी लोड बढ़ते ही यहां जाम की स्थिति बन जाती है। दूसरा रास्ता चावला पुल से बसंती नगर जाने वाली रोड पर है। शुरुआत में यह रास्ता भी 30 फीट चौड़ा ही है। हालांकि आगे चलकर थोड़ी-बहुत राहत मिल जाती है लेकिन यहां भी वाहनों का दवाब ज्यादा होने के कारण जाम के हालात बने रहते हैं। यह हालात तब हैं जब यहां अप और डाउन की 13-13 ट्रेनें ही रुकती हैं। अगर इनकी संख्या बढ़ा दी जाए तो यात्रियों की संख्या भी बढ़ेगी और दोनों सड़क मार्ग लोगों को स्टेशन तक पहुंचाने के लिए अपर्याप्त सिद्ध होंगे।
स्टेशन की दूसरी इंट्री पूरी तरह बंद
गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन टर्मिनस स्टेशन बन भी जाए तो भी इसका लाभ सिर्फ दक्षिण में बसे शहर के मोहल्लों को ही मिलेगा। गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन से करीब होते हुए भी फजलगंज, गुमटी, संतनगर, मरियमपुर और पांडु नगर के निवासी सेंट्रल रेलवे स्टेशन जाना ही पसंद करेंगे, क्योंकि गोविंदपुरी पुल पार करना उनके लिए ज्यादा मुश्किल काम है। हालांकि कंटेनर डिपो से होते हुए अगर गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन तक कोई सड़क मार्ग लाया जा सके तो यात्रियों के लिहाज से यह स्टेशन और अधिक लोगों को लाभान्वित कर सकेगा।