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कानपुर में डायरिया का कहर, एक बच्चे की मौत, दस की हालत गंभीर, डॉक्टरों ने कहा... इस तरह बरतें सावधानियां

शिवराजपुर निवासी अमित दुबे के तीन वर्षीय पुत्र राघव को उल्टी और दस्त हो रहे थे। उसके पिता ने मंगलवार रात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) कल्याणपुर में भर्ती कराया। जब बच्चे की हालत बिगडऩे लगी तो डाक्टर ने एलएलआर अस्पताल रेफर कर दिया।

By Akash DwivediEdited By: Published: Wed, 18 Aug 2021 10:05 PM (IST)Updated: Wed, 18 Aug 2021 10:05 PM (IST)
कानपुर में डायरिया का कहर, एक बच्चे की मौत, दस की हालत गंभीर, डॉक्टरों ने कहा... इस तरह बरतें सावधानियां
मंगलवार देर रात तक गंभीर स्थिति में 10 बच्चे एलएलआर (हैलट) के बाल रोग अस्पताल में भर्ती कराए गए

कानपुर, जेएनएन। मौसम की उठा-पटक बच्चों की सेहत पर अब भारी पडऩे लगी है। उमस भरी गर्मी की वजह से वायरल डायरिया कहर बरपाने लगा है। बुधवार को वायरल डायरिया की चपेट में आकर तीन वर्षीय बच्चे ने दम तोड़ दिया। वहीं, मंगलवार देर रात तक गंभीर स्थिति में 10 बच्चे एलएलआर (हैलट) के बाल रोग अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं।

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शिवराजपुर निवासी अमित दुबे के तीन वर्षीय पुत्र राघव को उल्टी और दस्त हो रहे थे। उसके पिता ने मंगलवार रात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) कल्याणपुर में भर्ती कराया। जब बच्चे की हालत बिगडऩे लगी तो डाक्टर ने एलएलआर अस्पताल रेफर कर दिया। बुधवार दोपहर स्वजन उसे लेकर एलएलआर इमरजेंसी पहुंचे, जहां इलाज के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया। वहीं, बाल रोग अस्पताल की इमरजेंसी में देर रात तक वायरल डायरिया से पीडि़त 10 बच्चे भर्ती कराए गए हैं, उसमें से तीन बच्चे पनकी क्षेत्र के हैं। उनके स्वजन ने बताया कि पनकी एवं कल्याणपुर क्षेत्र में वायरल डायरिया फैला हुआ है। 

बाल रोग अस्पताल में बेड फुल : बाल रोग अस्पताल के 120 बेड फुल हो गए हैं। उसमें वायरल फीवर, खांसी बुखार के पीडि़त भर्ती हैं। इमरजेंसी में भी बेड खाली नहीं हैं। ऐसे में दो वेंटिलेटर इमरजेंसी में लगाए गए हैं, जिसमें गंभीर स्थिति में आए दो बच्चों को रखा गया है।

क्या है वायरल डायरिया : वायरल डायरिया बच्चों की आंतों में होने वाला एक संक्रमण है। वायरस से पीडि़त व्यक्ति या बच्चे के संपर्क में आने से एक-दूसरे को होता है। यह दूषित पानी, बासी भोजन एवं दूध के सेवन से होता है। इसकी वजह से बच्चे को पानी जैसे दस्त, पेट में ऐंठन, उल्टी और बुखार भी आता है।

इसका रखें ध्यान

  •  दस्त आने पर बच्चा सुस्त हो तो सतर्क हो जाएं।
  •  बच्चे के शरीर में पानी की कमी न होने दें।
  •  बच्चे को लगातार ओआरएस का घोल देते रहें।
  •  पानी की कमी से किडनी प्रभावित हो सकती है।
  •  किडनी फेल्योर होने से जान भी जा सकती है।

इनका ये है कहना

  • बारिश के बाद धूप निकलने पर होने वाली उमसभरी गर्मी से वायरस और बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं। इसी वजह से वायरल डायरिया फैला है। मरीजों की संख्या बढऩे से बाल रोग अस्पताल फुल हो गया है। गंभीर स्थिति में आ रहे बच्चों के लिए बाल रोग इमरजेंसी में दो वेंटिलेटर भी लगवाए हैं।

                                                                 - प्रो. संजय काला, प्राचार्य जीएसवीएम मेडिकल कालेज


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