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कानपुर जेके कैंसर संस्थान की असुविधाओं पर उप मुख्यमंत्री की नजर, एक सप्ताह में मांगी रिपोर्ट

कानपुर का जेके कैंसर अस्पताल में जिले और आस-पास के हज़ारों मरीज दिखाने आते हैं। लेकिन सुविधाएं संसाधन और डाक्टर-कर्मचारियों की कमी की वजह से कैंसर पीड़ितों का इलाज प्रभावित होता है। जिसको लेकर उप मुख्यमंत्री ने अस्पताल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 04:09 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 04:09 PM (IST)
कानपुर जेके कैंसर संस्थान की असुविधाओं पर उप मुख्यमंत्री की नजर, एक सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
कानपुर के जेके अस्पताल में असुविधाओं की भरमार है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। राजकीय जेके कैंसर संस्थान में सुविधाएं, संसाधन और डाक्टर-कर्मचारियों की कमी है, जिसकी वजह से कैंसर पीड़ितों का इलाज प्रभावित होता है। यहां कैंसर पीड़ितों के आपरेशन की भी सुविधा नहीं है। इस समस्या को दैनिक जागरण लगातार उठा रहा था। इसके बाद, मामले का संज्ञान लेते हुए उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने संस्थान के निदेशक से जरूरतों के बाबत एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने ट्वीट करके इसकी जानकारी भी साझा की है।

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कानपुर का राजकीय जेके कैंसर संस्थान प्रदेश का पहला और देश का तीसरा संस्थान है, जहां कैंसर के इलाज के नाम पर सिर्फ कीमो थेरेपी और रेडिएशन थेरेपी की सुविधा है। यहां न ही आंको मेडिसिन विभाग है और न ही आंको सर्जरी विभाग। इस वजह से मरीजों के इलाज में दिक्कत आती है। संस्थान के निदेशक प्रो. एसएन प्रसाद लगातार प्रस्ताव भेज रहे हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। प्रो. प्रसाद का कहना है कि जरूतरतों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। उसे जल्द ही उप मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा।


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