Move to Jagran APP

थम नहीं रहा डेंगू से मौत का सिलसिला, जानिए इसके लक्षण और बचाव के उपाय Kanpur News

छह और मरीजों ने तोड़ा दम अब तक 79 लोगों की डेंगू और बुखार से जा चुकी है जान।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 01:37 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 09:18 AM (IST)
थम नहीं रहा डेंगू से मौत का सिलसिला, जानिए इसके लक्षण और बचाव के उपाय Kanpur News
थम नहीं रहा डेंगू से मौत का सिलसिला, जानिए इसके लक्षण और बचाव के उपाय Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। डेंगू से छह और मरीजों ने दम तोड़ दिया। इसमें दो बच्चे, दो युवक, महिला और बुजुर्ग हैं। डेंगू और बुखार से मरने वालों की संख्या अब 79 पहुंच गई है। नौबस्ता के धोबिन पुलिया निवासी राम गोपाल मिश्रा की नौ वर्षीय नातिन निखता को तीन दिन से बुखार था। उसे गोविंद नगर स्थित कारपोरेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। बच्ची के नाना के बताया कि जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी। उसका प्लेटलेट्स काउंट 13 हजार था। डॉक्टरों की सलाह पर आठ यूनिट प्लेटलेट्स भी चढ़ाए गए, फिर भी हालत में सुधार नहीं हुआ। उसकी हालत बिगड़ती गई और रविवार को दम तोड़ दिया।

loksabha election banner

इसी तरह दर्शनपुरवा निवासी राजेश सविता के डेढ़ माह के पुत्र अनिरुद्ध को दो दिन पहले बुखार आया था। उसकी मां पूजा के मुताबिक पहले पास के ही डॉक्टर को दिखाया। उन्होंने ांच कराई, जिसमें डेंगू का पता चला। रात में बच्चे को खून की उल्टी होने पर लाजपत नगर स्थित नर्सिंग होम में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान सोमवार सुबह मौत हो गई। इसी तरह बिल्हौर के बर्रइनपुरवा अरौल निवासी किशनलाल द्विवेदी के 25 वर्षीय पुत्र अंकित को आठ दिनों से बुखार था। तीन दिन पहले शहर के नर्सिंग में भर्ती कराया, वहां जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी। रविवार रात इलाज के दौरान मौत हो गई।

फीलखाना क्षेत्र के माहेश्वरी मोहाल निवासी 65 वर्षीय नारायण शुक्ला को कई दिनों से बुखार था। उनके स्वजन के मुताबिक नर्सिंग होम में जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। साथ ही उन्हें सीओपीडी की समस्या थी। बलगम के साथ खून आने पर रविवार को एलएलआर अस्पताल (हैलट) इमरजेंसी में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान रविवार रात उनकी मौत हो गई। कानपुर देहात के रसूलाबाद निवासी अरविंद की 45 वर्षीय पत्नी कमला देवी रविवार को भर्ती हुईं। उनके पति के मुताबिक नर्सिंग होम में डेंगू का पता चला। खून की उल्टी होने से प्लेटलेट्स चढ़े पर आराम नहीं मिला। इसलिए यहां भेज दिया, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई। उ

न्नाव के कांशीराम कॉलोनी निवासी मो. वसीर के 30 वर्षीय पुत्र मुसीर को कई दिन से बुखार था। उसके पिता के मुताबिक नर्सिंग होम में दिखाने पर डेंगू का पता चला। नाक से खून आने पर हैलट में भर्ती कराया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उधर, सोमवार दोपहर पूर्व सांसद डॉ. अंजूबाला बिल्हौर के पिहानी गांव पहुंची। उन्होंने बुखार पीडि़तों और ग्रामीणों का हाल जाना।

डेंगू में प्लेटलेट्स रिएक्शन घातक

डेंगू के मरीजों में मल्टी डोनर प्लेटलेट्स (कई दानदाताओं के प्लेटलेट्स) चढ़ाने से आटो रिएक्टिविटी बढ़ रही है। शरीर और बाहरी प्लेटलेट्स का रिएक्शन घातक हो रहा है, जिससे मरीज डेंगू शॉक सिंड्रोम में चला जाता है। हालत यह है कि एक-एक मरीज को 20-30 यूनिट प्लेट्स चढ़ाई जा रही हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अरविंद कुमार के मुताबिक मल्टी डोनर प्लेटलेट्स से आटो रिएक्टीविटी होती है। शरीर और बाहरी प्लेटलेट्स के रिएक्शन से रक्त नलिकाओं के अंदर सूजन से लिकेज बढ़ जाता है, जिससे मरीज शॉक में चला जाता है। ऐसे में रक्तस्राव (ब्लीडिंग) का खतरा बढ़ जाता है।

इन लक्षणों पर रखें नजर

शरीर में लाल चकत्ते, दाने, चलने-फिरने में चक्कर, आंखों के सामने अंधेरा आना, उल्टियां और पीलिया होना। अगर ऐसे लक्षण नहीं हैं तो भर्ती करने की जरूरत नहीं है।

इसका रखें ध्यान

इलेक्ट्राल या ओआरएस का घोल, नारियल पानी, घर का बना जूस, फल और हरी सब्जियां खिलाएं।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.