घटेगी पेट्रोल की खपत, कम होगा प्रदूषण
शीरे से सीधे एथेनॉल बनाने को सरकार ने बनाई बायोफिल पॉलिसी, अब पेट्रोल में किया जा सकेगा दस फीसद एथेनॉल का मिश्रण
जागरण संवाददाता, कानपुर : पेट्रो पदार्थो की बचत और चीनी मिलों का मुनाफा बढ़ाने के लिए सरकार ने कुछ नए फैसले लिए हैं। बायोफिल पॉलिसी के तहत चीनी मिलें शीरे से सीधे एथेनॉल बना सकेंगी, वहीं पेट्रोल में एथेनॉल सम्मिश्रण तीन फीसद से बढ़ाकर दस फीसद करने की अनुमति दे दी गई है। पेट्रोल में एथेनॉल का मिश्रण बढ़ाने का बड़ा फायदा प्रदूषण नियंत्रण के रूप में मिलेगा। इसके अलावा पेट्रोल की खपत में काफी कमी आएगी।
राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में आए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग भारत सरकार के सचिव रविकांत ने प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी।
विदेश में खुद मजबूत हुए, यहां सरकार के भरोसे रहे
उनका कहना था कि कॉन्फ्रेंस में विदेश से आए विशेषज्ञों ने बताया है कि किस तरह वहां चीनी उद्योग ने खुद को तकनीक में मजबूत किया। पारंपरिक चीनी उत्पाद से हटकर बाजार की जरूरत के हिसाब से उत्पाद तैयार किए और उनकी मार्केटिंग-ब्रांडिंग भी की। वहीं, भारत में सौ साल पहले पहली चीनी उत्पादन इकाई लगी थी। तब से अब तक चीनी उत्पादन में कोई बदलाव नहीं है, जबकि हमारे देश में ही आटा और नमक तक की ब्रांडिंग हो रही है। सचिव रविकांत का कहना था कि हमारे देश में इस उद्योग ने अपनी ओर से कोई पहल नहीं की, सिर्फ सरकार के भरोसे ही रहा। हमें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी कि सरप्लस उत्पादन की खपत मुनाफे के साथ हो। उत्पाद में वैल्यू एडीशन हो और मार्जिन भी बढ़े।
चीनी का फ्लोर प्राइज तय होने से मिला लाभ
उन्होंने बताया कि सरकार ने हाल ही में चीनी उद्योग के हित में कुछ निर्णय लिए है। शक्कर के दाम गिरते जा रहे थे। इससे उद्योग को बड़ा घाटा हो रहा था। इसे देखते हुए पहली बार चीनी का मिनिमम फ्लोर प्राइज 29 रुपये तय किया। इसी का असर है कि सिर्फ एक माह में ही गन्ना बकाये के 23000 करोड़ रुपये में से 5000 करोड़ रुपये बकाया घट गया। इस अवसर पर एनएसआइ निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन भी थे।