प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'ड्रीम प्रोजेक्ट' पर अंधेरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'ड्रीम प्रोजेक्ट' स्ट्रीट लाइट की जगह एलईडी लगाने की योजना को कंपनी ही ग्रहण लगा रही है। अभी तक सिर्फ कागजों पर ही एलईडी लग रही हैं।
जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'ड्रीम प्रोजेक्ट' स्ट्रीट लाइट की जगह लाइट इमिटिंग डायोड (एलईडी) लगाने की योजना पर कंपनी ग्रहण लगा रही है। कागज में 96 हजार सोडियम लाइटें बदल कर एलईडी लग गई है लेकिन मौके पर हकीकत कुछ और ही बयान कर रही है।
नगर निगम मुख्यालय मोतीझील में लगी दर्जनों एलईडी कई माह से बंद पड़ी है लेकिन न तो लाइट लगाने वाली कंपनी को दिखाई दे रहा है और न ही नगर निगम के अफसरों को नजर आ रहा है।
ईईएसएल को शहर में सोडियम लाइट हटाकर एलईडी लगाने का ठेका दिया गया है। नवंबर 2017 से कंपनी ने एलईडी लगाना शुरू किया था। दावा पूरे शहर की एलईडी बदलने का किया है। पिछले दिनों हुई नगर निगम कार्यकारिणी में अफसरों ने पार्षदों को जानकारी दी थी कि सोडियम लाइट बदल गई है और अब खाली पोलों में लगाने के लिए प्रस्ताव तैयार हो रहा है।
हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। नगर निगम परिसर से लगे मोतीझील में पिछले कई माह से कारगिल पार्क के आस-पास और तुलसी उपवन के अंदर व बाहर की लाइटे बंद पड़ी है। जिससे शाम को मोतीझील टहलने व घूमने आने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
मोतीझील परिसर में ही कई आला अफसर रहते है लेकिन किसी की भी नजर बंद लाइटों की तरफ नहीं गई है या देखना नहीं चाहते है।
शहर का हाल बेहाल
आरटीओ मार्ग में दिन में एलईडी लाइट जलती रहती है वहीं रात में अक्सर लाइट बंद रहती है यह हाल तब है जब नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा ने दिन में एलईडी लाइट बंद रखने के आदेश दिए है। जूही, गोविन्द नगर, किदवईनगर, रावतपुर समेत कई जगह एलईडी लाइट बंद पड़ी है।
नगर निगम सदन में उठेगा एलईडी का मुद्दा
एक अगस्त को होने वाले नगर निगम सदन में पार्षदों ने एलईडी लाइट के मामले में अफसरों को घेरने की तैयारी की है। कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की जाएगी।
सोलर लाइट बनी दिखावा
कारगिल पार्क मोतीझील में लगी सोलर लाइट दिखावा बन गई है। कई की बैटरी खराब पड़ी है तो कई की सोलर प्लेट खराब पड़ी है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
एलईडी लाइट के बारे में पूरी जानकारी अफसरों से मांगी जाएगी। कितनी लाइट लगी है और कितना जल रही है। मौके पर क्या स्थिति है। लापरवाही बरतने वालों की शिकायत मुख्यमंत्री से की जाएगी।
- प्रमिला पाण्डेय महापौर
एक माह पहले ही मार्ग प्रकाश विभाग का कार्यभार मिला है। इस दौरान कई बार ईईएसएल के अफसरों को कह चुका हूं लेकिन सुनते तक नहीं है।
आर के पाल, पर्यावरण अभियंता नगर निगम