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ए ग्रेड रेलवे स्टेशन में 'डी ग्रेड' सुविधाएं

देश के नामचीन रेलवे स्टेशनों में गिने जाने वाले कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन की समस्याएं कम नहीं हो रही हैं। यहां यात्रियों को रोज परेशानियों से जूझना पड़ता है। इस ए ग्रेड के रेलवे स्टेशन में सुविधाएं डी ग्रेड की हैं।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 07 Jun 2018 01:43 AM (IST)
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ए ग्रेड रेलवे स्टेशन में 'डी ग्रेड' सुविधाएं

जागरण संवाददाता, कानपुर : देश के नामचीन रेलवे स्टेशनों में गिने जाने वाले कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन की समस्याएं कम नहीं हो रही हैं। यहां यात्रियों को रोज परेशानियों से जूझना पड़ता है। इस ए ग्रेड के रेलवे स्टेशन में सुविधाएं डी ग्रेड की हैं। बुधवार को दैनिक जागरण ने सेंट्रल स्टेशन में पड़ताल की तो रेलवे के सुविधाएं देने के दावे की पोल खुल गई।

पानी के लिए टूटती भीड़

सेंट्रल स्टेशन पर पानी के इंतजाम यात्रियों की भीड़ के आगे नाकाफी साबित हो रहे हैं। प्लेटफार्म एक पर दो वाटर कूलर के अलावा दो वाटर एटीएम व डेढ़ दर्जन से अधिक नल लगे हैं। बावजूद इसके यात्रियों को ठंडा पानी नसीब नहीं हो रहा। सामान्य नलों से खौलता पानी निकलता मिला। जीआरपी के बगल में स्थित वाटर कूलर में एक टोटी गायब थी।

असुरक्षित खानपान

सेंट्रल स्टेशन पर अवैध वेंड¨रग नहीं रुक रही है। खाने की क्वालिटी बेहद खराब है, जबकि यात्रियों को इसके अधिक दाम देने पड़ रहे हैं। यात्रियों को मजबूरन दस रुपये खीरा व पांच रुपये का केला खरीदना पड़ रहा है।

बैठने को सीटें नहीं

स्टेशन पर स्टील की चंद कुर्सियां ही हैं। सीमेंटेड कुर्सियां हादसों को दावत दे रही हैं। प्लेटफार्म एक पर जीआरपी के सामने पड़ी सीमेंटेड सीटें अपने स्थानों से हट गई हैं। प्लेटफार्म पांच पर एक लोहे की सीट टूटी मिली। अधिकांश यात्री प्लेटफार्म पर जमीन में बैठकर ट्रेन का इंतजार करते मिले।

यहां की सुरक्षा राम भरोसे

मगध एक्सप्रेस के इंतजार में एक परिवार प्लेटफार्म एक पर पार्सल के ठीक सामने बैठा हुआ था। इस जगह पर रोजाना गूंगे-बहरों का समूह बैठा मिलता है। परिवार में शामिल महिला की नजर हटते ही इस समूह में शामिल एक बच्चे ने महिला की चप्पलें पार कर दी। पानी की बोतल चुरा रहे थे तो महिला ने देख लिया। इसके बाद हंगामा हुआ। जीआरपी के आ जाने पर चप्पलें वापस आ गईं। इससे पता चलता है कि यात्री का सामान स्टेशन पर कितना असुरक्षित है। बंदर भी यात्रियों का सामान उठा ले जाते हैं।

नहीं मिला ट्रेन को पानी

स्टेशन पर हंगामा न करो तो सुनवाई नहीं होती। कुछ ऐसा ही गाड़ी संख्या 22045 के बुधवार पूर्वाह्न 11.20 बजे सेंट्रल स्टेशन पहुंचने पर दिखा। ट्रेन साढ़े आठ घंटा देरी से चल रही थी। कई कोचों में पानी नहीं था। ट्रेन के पहुंचने से पहले ही कंट्रोल रूम की ओर से ट्रेन के कोचों में पानी भरने को उद्घोषणा की गई। ट्रेन प्लेटफार्म एक पर रुकी लेकिन कोई पानी भरने नहीं पहुंचा। इसी बीच ग्रीन सिग्नल हो गया। गाड़ी चल पड़ी तो यात्रियों ने चेन पुलिंग कर गाड़ी रोक ली। जिस समय यह सब हो रहा था स्टेशन पर जीआरपी व आरपीएफ की चेकिंग चल रही थी। भारी संख्या में खाकी देखकर यात्री शांत हो गए। इसके बाद गाड़ी को बिना पानी भरे ही आनंद विहार के लिए रवाना कर दिया गया।

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सेंट्रल स्टेशन पर कुछ समस्याएं हैं। पानी, बैठने के लिए सीट, बंदरों की समस्या के निराकरण की योजनाएं बनाई जा रही हैं।

डॉ. जितेंद्र कुमार, स्टेशन डायरेक्टर

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