साइबर ठगों ने एटीएम कार्ड क्लोन कर खाते से निकाल ली रकम
आखिरी बार यूनियन बैंक के एटीएम बूथ से ही पीड़ित ने निकाले थे पैसे।साइबर सेल मामले की जांच कर रही है।
By Edited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 12:50 AM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 11:32 AM (IST)
कानपुर, जेएनएन। एटीएम कार्ड क्लोनिंग के मामले रुक नहीं रहे। तीन दिन पहले साइबर ठगों ने तिलक नगर सुखधाम अपार्टमेंट निवासी जितेंद्र प्रकाश सक्सेना के खाते से 70 हजार रुपये पार कर दिए। उन्होंने भी आखिरी बार यूनियन बैंक के एटीएम से रुपये निकाले थे। कोहना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की है।
जितेंद्र प्रकाश ने बताया कि बुधवार रात मोबाइल पर लगातार सात मैसेज आए और खाते से 70 हजार रुपये निकलने की जानकारी हुई। जबकि किसी को भी पिन या सीवीवी कोड नहीं बताया था। कार्ड भी उनके पास ही था। जितेंद्र के मुताबिक एक माह पहले उन्होंने रैना मार्केट के यूनियन बैंक एटीएम बूथ से रुपये निकाले थे। इसके बाद से कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया गया।
नेट बैंकिंग से पता लगा कि रकम मुंबई में पालघर स्थित एटीएम बूथ से निकाली गई। बता दें कि इससे पहले यूनियन बैंक के काकादेव स्थित एटीएम में भी कार्ड क्लोनिंग कर रुपये निकाले जाने के एक दर्जन से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। कोहना एसओ शैलेंद्र सिंह ने बताया कि साइबर सेल मामले की जांच कर रही है।
असिस्टेंट प्रोफेसर के खाते से 20 हजार उड़ाए
फिरोजाबाद के एक डिग्री कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रदीप कुमार के खाते से भी ठगों ने 20 हजार रुपये निकाल लिए। यह रकम भी मुंबई में गोरेगांव स्थित एटीएम से निकाली गई। प्रदीप ने बताया कि चार दिसंबर को वह अपने भाई से मिलने काकादेव आए थे। छपेड़ा पुलिया के पास खरीदारी करते वक्त धोखे से एटीएम कार्ड गिर गया था। अगले दिन सुबह मोबाइल पर रकम निकलने का मैसेज आया तो पता लगा। उन्होंने भी कार्ड क्लोनिंग की आशंका जताई है।
डेबिट कार्ड सुरक्षित रखने के उपाय
- बैंकों की शाखाओं पर लगे एटीएम बूथ पर ही अपने कार्ड का प्रयोग करें।
- हर दो-तीन महीने में अपने कार्ड का पिन बदलते रहें।
- कहीं भी कार्ड स्वाइप करते समय कुछ गड़बड़ लगे तो कार्ड स्वाइप न करें।
- ज्यादातर खरीदारी करते समय वन टाइम पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
- कार्ड ट्राजेक्शन के समय एसएमएस सर्विस अलर्ट जरूर लें।
- नियमित तौर पर अपने बैंक खाते का स्टेटस चेक करते रहें।
- अपने फोन में बैंक के कान्टेक्ट नंबर जरूर रखें, जो समय पड़ने पर तलाशने की जरूरत न रहे।
- अपने रुपये अलग-अलग खातों में रखकर जालसाजों से बचा जा सकता है।
जितेंद्र प्रकाश ने बताया कि बुधवार रात मोबाइल पर लगातार सात मैसेज आए और खाते से 70 हजार रुपये निकलने की जानकारी हुई। जबकि किसी को भी पिन या सीवीवी कोड नहीं बताया था। कार्ड भी उनके पास ही था। जितेंद्र के मुताबिक एक माह पहले उन्होंने रैना मार्केट के यूनियन बैंक एटीएम बूथ से रुपये निकाले थे। इसके बाद से कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया गया।
नेट बैंकिंग से पता लगा कि रकम मुंबई में पालघर स्थित एटीएम बूथ से निकाली गई। बता दें कि इससे पहले यूनियन बैंक के काकादेव स्थित एटीएम में भी कार्ड क्लोनिंग कर रुपये निकाले जाने के एक दर्जन से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। कोहना एसओ शैलेंद्र सिंह ने बताया कि साइबर सेल मामले की जांच कर रही है।
असिस्टेंट प्रोफेसर के खाते से 20 हजार उड़ाए
फिरोजाबाद के एक डिग्री कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रदीप कुमार के खाते से भी ठगों ने 20 हजार रुपये निकाल लिए। यह रकम भी मुंबई में गोरेगांव स्थित एटीएम से निकाली गई। प्रदीप ने बताया कि चार दिसंबर को वह अपने भाई से मिलने काकादेव आए थे। छपेड़ा पुलिया के पास खरीदारी करते वक्त धोखे से एटीएम कार्ड गिर गया था। अगले दिन सुबह मोबाइल पर रकम निकलने का मैसेज आया तो पता लगा। उन्होंने भी कार्ड क्लोनिंग की आशंका जताई है।
डेबिट कार्ड सुरक्षित रखने के उपाय
- बैंकों की शाखाओं पर लगे एटीएम बूथ पर ही अपने कार्ड का प्रयोग करें।
- हर दो-तीन महीने में अपने कार्ड का पिन बदलते रहें।
- कहीं भी कार्ड स्वाइप करते समय कुछ गड़बड़ लगे तो कार्ड स्वाइप न करें।
- ज्यादातर खरीदारी करते समय वन टाइम पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
- कार्ड ट्राजेक्शन के समय एसएमएस सर्विस अलर्ट जरूर लें।
- नियमित तौर पर अपने बैंक खाते का स्टेटस चेक करते रहें।
- अपने फोन में बैंक के कान्टेक्ट नंबर जरूर रखें, जो समय पड़ने पर तलाशने की जरूरत न रहे।
- अपने रुपये अलग-अलग खातों में रखकर जालसाजों से बचा जा सकता है।
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