CSJMU Kanpur: यूनीवर्सिटी ने कॉलेजों से पूछा- कितने छात्रों के पास हैं स्मार्ट फोन
शासन ने विश्वविद्यालय प्रशासन से ऐसे छात्र छात्राओं का ब्योरा मांगा है जो स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करते हैं। इसपर डिग्री कॉलेजों को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय प्रशासन मोबाइल फोन रखने वाले छात्रों की जानकारी जुटा रहा है ।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना काल में पढ़ाई करने-कराने का तरीका बदलने का असर नजर आने लगा है। पढ़ाई की नई व्यवस्था हर कॉलेज तक पहुंचाने और वहां लागू करने के लिए प्रदेश सरकार ने कवायद तेज कर दी है। शासन ने छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय से पूछा है कि विश्वविद्यालय परिसर और संबद्ध कॉलेजों में कितने छात्र-छात्राओं के पास स्मार्ट फोन हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन अब डिग्री कॉलेजों को पत्र लिखकर इसकी जानकारी करेगा।
विश्वविद्यालय परिसर में संचालित प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में पांच हजार छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं। एक महीने से ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। छात्र-छात्राएं अपने घर पर बैठकर कंप्यूटर व मोबाइल के जरिए पढ़ रहे हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय से संबद्ध 950 डिग्री कॉलेजों में दस लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव ने बताया कि तकनीकी का हाथ पकड़कर विश्वविद्यालय में संचालित प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में पठन पाठन प्रारंभ हो चुका है। ई-कंटेंट बनाने के लिए शिक्षकों को निर्देशित किया जा रहा है। शासन को जानकारी देने के लिए कोर्स के विभागाध्यक्षों व डिग्री कॉलेज प्राचार्यों से ऐसे छात्रों की संख्या प्राप्त की जाएगी, जिनके पास स्मार्ट फोन है।
10 से 12 घंटे समय देती हूं कक्षा के लिए
एसएन सेन डिग्री कॉलेज के वनस्पति विज्ञान में असिस्टेंट प्रोफेसर प्रीति ङ्क्षसह बताती हैं कि ज्यादातर छात्राएं स्मार्ट फोन से ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ाई कर रही हैं। ऑनलाइन कक्षाओं से काम बढ़ गया है। पहले पांच घंटे कॉलेज में रहती थी, अब 10 से 12 घंटे समय ऑनलाइन कक्षा को देने पड़ते हैं।
रात में बनाते हैं पठन-पाठन सामग्री
वीएसएसडी डिग्री कॉलेज की उप प्राचार्य डॉ. नीरू टंडन ने बताया कि कोरोना काल में ऑनलाइन कक्षाएं प्रारंभ हो चुकी हैं। रात में दो बजे तक इन कक्षाओं की तैयारी करने के लिए नोट व पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन बनाते हैं। ज्यादातर छात्राओं के पास स्मार्ट फोन हैं।
पढ़ाई के नए तरीकों को स्वीकार कर रहे छात्र
क्राइस्ट चर्च डिग्री कॉलेज के रसायन विज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मीत कमल द्विवेदी ने बताया कि पढ़ाई करने के तरीके बदल गए हैं। तय शेड्यूल पर छात्र छात्राएं लैपटॉप व स्मार्ट फोन पर ऑनलाइन हो जाते हैं।
आधे घंटे के व्याख्यान बनाने में दो घंटे लगते
हर सहाय डिग्री कॉलेज में बीएड की प्रवक्ता डॉ. साधना यादव ने बताया कि सुबह चार बजे उठाकर ऑनलाइन वीडियो व असाइनमेंट बनाते हैं। आधे घंटे का व्याख्यान तैयार करने में दो घंटे का समय लग जाता है।