CSJMU से संबद्ध कॉलेजों में बदलेगी व्यवस्था, आॅनलाइन क्लासेज लेने से पहले शिक्षकों की लगेगी क्लास
कोरोना वायरस के चलते काॅलेजों में ऐसी पठन पाठन व्यवस्था आगे भी जारी रहने के संकेत हैं। वाट्सअप से आगे बढ़कर आॅनलाइन व्याख्यान बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
कानपुर, जेएनएन। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध डिग्री काॅलेजों में आॅनलाइन व आॅफलाइन दोनों मोड में कक्षाएं शुरू किए जाने के साथ शिक्षकों को भी तैयार किया जाएगा। इसके लिए शिक्षकों को आॅनलाइन पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कोरोना वायरस आने के बाद से आॅनलाइन अध्ययन अब स्नातक व स्नातक कक्षाओं का भाग बन चुका है। लाॅक डाउन में छह से सात महीने तक विश्वविद्यालय में गूगल मीट व जूम एप के जरिए कक्षाएं लगाई गईं। लेकिन डिग्री काॅलेजों में ऐसी कोई व्यवस्था व प्रशिक्षण न होने के कारण ज्यादातर में पठन पाठन रूक गया। काॅलेज प्रबंधन व प्राचार्य ने आॅनलाइन पढ़ाई के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से मदद मांगी तो परिसर में दो डिजिटल सेंटर बनाकर काॅलेज के शिक्षकों के लेक्चर रिकाॅर्ड करने की व्यवस्था उनमें की गई।
अब जब पढ़ाई पूरी क्षमता के साथ शुरू हो चुकी है तब काॅलेजों में ऐसे प्रशिक्षण की जरूरत महसूस की जा रही है जो शिक्षकों को तकनीक रूप से पढ़ाने के लिए तैयार करे। वाट्सअप का तरीका पुराना हो चुका है। पठन पाठन के दृष्टिकोण से इसमें अधिक कंटेंट शेयर नहीं किए जा सकते हैं। आॅनलाइन पठन पाठन के लिए अब नए प्लेटफाॅर्म आ चुके हैं। इन प्लेटफार्मों का इस्तेमाल कैसे किया जाता है वह किस प्रकार इसमें व्याख्यान दिए जाते हैं इसके बारे में डिग्री शिक्षक जानेंगे।
बन रहे रिकाॅर्डिंग सेंटर
शहर के कुछ डिग्री काॅलेजों ने आॅनाइन पठन पाठन के लिए रिकाॅर्डिंग सेंटर बना रहे हैं। इनमें एसएन सेन डिग्री काॅलेज में एक सेंटर बनकर तैयार हो चुक है जबकि एक रिकाॅर्डिंग सेंटर बन रहा है। डीएवी मेें सेंटर फाॅर एक्सीलेंस में इसकी व्यवस्था की जाएगी। सेंटर का निर्माण शुरू हो चुका है। क्राइस्ट चर्च डिग्री काॅलेज में शिक्षकों ने लाॅक डाउन के दौरान आॅनलाइन व्याख्यान रिकाॅर्ड करके उन्हें छात्रों के पास भेजना शुरू कर दिया था।
- लाॅक डाउन में आॅनलाइन पढ़ाई की समस्या आई थी। ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी जिससे लेक्चर रिकाॅर्ड करके भेजे जा सकते। हां परीक्षा की तैयारी कराने के लिए वाट्सअप के जरिए पठन पाठन शुरू कर दिय गया। लेकिन जिस प्रकार की स्थितियां सामने आईं उसे देखते हुए अब आॅनलाइन पढ़ाई को साथ लेकर चलने की जरूरत है। इसके लिए लैब बनाई जा रही हैं। -डाॅ. अमित श्रीवास्तव, प्राचार्य डीएवी डिग्री काॅलेज
- ‘सहायता प्राप्त व स्ववित्तपोषित सभी डिग्री काॅलेजों के लिए विश्वविद्यालय ने कंप्यूटर लैब विकसित की है। शिक्षक चाहें तो अपने व्याख्यान रिकाॅर्ड कर सकते हैं। आकस्मिक परिस्थितियों में आॅनलाइन पढ़ाई की सूरत बनती है तो उन्हें इसके लिए तैयार किया जाएगा।’ -प्रो. नीलिमा गुप्ता, कुलपति छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय