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सीएसजेएम विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम पहली बार वेबसाइट पर

विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर छात्र-छात्राएं अब घर बैठे स्नातक, परास्नातक और डिप्लोमा पाठ्यक्रम में होने वाले बदलाव की जानकारी कर सकेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Aug 2018 02:56 PM (IST)Updated: Sat, 25 Aug 2018 02:56 PM (IST)
सीएसजेएम विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम पहली बार वेबसाइट पर

जागरण संवाददाता, कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय का नया और पुराना, पूरे पाठ्यक्रम का ब्योरा एक क्लिक पर मिल जाएगा। ऑनलाइन होने की दिशा में आगे बढ़ रहे विश्वविद्यालय ने पहली बार पाठ्यक्रम वेबसाइट पर अपलोड किया है। इसमें आगामी सत्र से स्नातक, परास्नातक और डिप्लोमा पाठ्यक्रम में होने वाले बदलाव की जानकारी दी गई है। इससे छात्र-छात्राओं घर बैठे पूरी जानकारी कर सकेंगे। वेबसाइट पर पाठ्यक्रम की जानकारी को तीन अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है। इनमें स्नातक, परास्नातक व डिप्लोमा से जुड़े पाठ्यक्रम का विषयवार ब्योरा दर्ज किया गया है। किसी भी पाठ्यक्रम की जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट- \द्मड्डठ्ठश्चह्वह्मह्वठ्ठद्ब1द्गह्मह्यद्बह्ल4.श्रह्मद्द के लिंक- \श्चह्मश्रश्चश्रह्यद्गस्त्र ह्मद्ग1द्बह्यद्गस्त्र ह्य4द्यद्यड्डढ्डह्वह्य द्गद्घद्घद्गष्ह्लद्ब1द्ग द्घह्मश्रद्व ह्यद्गह्यह्यद्बश्रठ्ठ 2019-2020 से ली जा सकती है। - - - - - - - - - - - - - -

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बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठकों में हुए फैसले

कानपुर : विश्वविद्यालय की ओर से एमबीए, अंग्रेजी, संगीत, राजनीति शास्त्र समेत अन्य जिन विषयों में बदलाव किए गए, उन सभी के फैसले बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठकों में लिए गए। लगभग एक माह की बैठकों के अंदर 30 से अधिक ऐसे पाठ्यक्रम थे, जिनमें अगले सत्र से परिवर्तन लागू होगा। - - - - - - - - - - - - - - ''विश्वविद्यालय की अधिकतर सुविधाओं को ऑनलाइन किया जा रहा है। इसके पीछे मकसद यह है कि छात्र-छात्राएं घर बैठे ही हर जानकारी आसानी से ले सकें। अगर कहीं गड़बड़ी है तो वह इसकी जानकारी भी दे सकते हैं।'' - प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता, कुलपति, सीएसजेएमयू

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पीएचडी के लिए अब शासन की मंजूरी का इंतजार

कानपुर : छत्रपति शाहू जी महाराज ंिवश्वविद्यालय में जल्द पीएचडी की शुरुआत हो सकेगी। इसके लिए शासन से हरी झंडी मिलने का इंतजार विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अफसर कर रहे हैं। शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल की ओर से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विनियम 2016 का आदेश जारी हुआ तो कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने उसका फौरन संज्ञान लिया।

उन्होंने कहा शासन में इस बाबत लगातार संपर्क किया जा रहा है। पहली बार ऐसा हुआ है जब सीएसजेएमयू की ओर से पीएचडी शुरू करने को लेकर ¨हदी व अंग्रेजी में प्रक्रिया संबंधी जानकारी भेजी गई। जैसे ही शासन से अध्यादेश संबंधी निर्देश मिलेंगे, फौरन ही विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा करा दी जाएगी। इसे लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में कई ंवर्षो से पीएचडी शुरू न होने के चलते छात्र-छात्राओं को परेशानी हो रही है। उन्हें शहर में रहते हुए भी दूसरे ंिवश्वविद्यालयों की ओर रुख करना पड़ता है। मगर उनका यह इंतजार बहुत जल्द खत्म होने वाला है। छात्र-छात्राओं को गाइड के लिए किसी तरह की समस्या न हो, इसके लिए विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों को निर्देश दे दिए गए हैं। - - - - - - - - - - - - - -

पुस्तकालय में शोध ग्रंथ पढ़ सकेंगी छात्राएं

कानपुर: भले ही अभी तक दयानंद ग‌र्ल्स पीजी कॉलेज की छात्राएं पुस्तकालय में बैठकर पढ़ाई न कर पाती हों, पर अब वह नवनिर्मित पुस्तकालय में शोध ग्रंथ तक पढ़ सकेंगी। शुक्रवार को उक्त कॉलेज के भूगोल विभाग में कॉलेज की संस्थापक सदस्य स्व.डॉ.शरद बागला की स्मृति में पुस्तकालय का उद्घाटन दयानंद शिक्षण संस्थान की वरिष्ठ सदस्य कुमकुम स्वरूप ने किया। उन्होंने कहा पुस्तकालय में छात्राओं के लिए 700 पुस्तकें फिलहाल पढ़ने के लिए मुहैया कराई गई हैं। इस मौके पर कॉलेज प्राचार्या डॉ.साधना सिंह, डॉ.क्षमा त्रिपाठी, डॉ.अर्चना वर्मा, डॉ.शशिबाला आदि उपस्थित रहीं।

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बीएनडी प्राचार्य को नहीं मिली कोर्ट से राहत

कानपुर: शिक्षक संघ के चुनाव के दौरान मारपीट के एक पुराने मामले में बीएनडी प्राचार्य को कोर्ट से राहत नहीं मिली। चार्जशीट के खिलाफ दिए गए उनके रिवीजन प्रार्थनापत्र को जनपद न्यायाधीश ने खारिज कर दिया।

मार्च 2015 को डीबीएस कॉलेज में शिक्षक संघ का चुनाव चल रहा था। बतौर आरोप शिक्षक संघों के प्रत्याशियों के बीच मारपीट की घटना हुई। डीबीएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरके सिंह ने बताया कि बीएनडी के प्राचार्य डॉ.विवेक द्विवेदी समेत कई अन्य के खिलाफ थाना गोविंद नगर में कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें पुलिस ने चार्जशीट भी लगा दी थी। डॉ.विवेक द्विवेदी ने इसके खिलाफ न्यायालय में रिवीजन दाखिल किया था। जिसे जनपद न्यायाधीश आरके गौतम ने खारिज कर दिया।


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