Move to Jagran APP

दो चोटियां न बांधने पर सीनियर्स बनाती थीं मुर्गा, कहती थीं सिर झुकाकर चलो Kanpur News

सीएसए के हास्टल से गिरी छात्रा ने कहा रोज होती थी रैगिंग हॉस्टल की वार्डन को है सारी जानकारी।

By AbhishekEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 11:23 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 02:44 PM (IST)
दो चोटियां न बांधने पर सीनियर्स बनाती थीं मुर्गा, कहती थीं सिर झुकाकर चलो Kanpur News
दो चोटियां न बांधने पर सीनियर्स बनाती थीं मुर्गा, कहती थीं सिर झुकाकर चलो Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के छात्रावास से संदिग्ध परिस्थितियों में गिरी बीएससी की छात्रा दिव्या कमल अब बातचीत करने लगी है। गुरुवार को उसने परिजनों को हॉस्टल में रैगिंग होने की जानकारी दी। छात्रा ने बताया कि बाल खुले देखकर सीनियर्स मुर्गा बना देती थीं और सिर झुकाकर चलने के लिए दबाव बनाती थीं। वार्डन को भी इस बात की जानकारी है। पुलिस शुक्रवार को छात्रा के बयान लेगी।

loksabha election banner

कानपुर देहात के शिवली में रहने वाली छात्रा दिव्या कमल दस दिन पूर्व सीएसए के सरोजिनी नायडू छात्रावास की छत से संदिग्ध परिस्थितियों में गिर गई थी। गंभीर हालत में उसे एलएलआर अस्पताल (हैलट) में भर्ती कराया गया था। बाद में उसके भाई सौरभ ने हॉस्टल में रैगिंग होने और बहन को छत से नीचे फेंकने का आरोप लगाते हुए कुछ सीनियर छात्राओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। गुरुवार को छात्रा की हालत में काफी सुधार आया और वह परिवारवालों से बात करने लगी।

उसके भाई सौरभ ने बताया कि दिव्या ने हॉस्टल में रैगिंग होने की बात कही है। उसने बताया है कि सीनियर्स छात्राएं जूनियर्स के कमरों में जाकर रैगिंग करती हैं। बाल खुले रखने पर जबरन चोटियां बंधवा देती हैं। कहती हैं कि सामने मोबाइल पर बात न करो, हमेशा सिर झुकाकर चलो और विरोध पर मारपीट करती हैं। सीओ स्वरूपनगर अजीत सिंह चौहान ने बताया कि छात्रा के जल्द ही बयान लिए जाएंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।

नहीं याद है कैसे गिरी

दिव्या को यह याद नहीं है कि वह कैसे गिरी। उसका कहना है कि वह घटना वाली रात छत पर फोन ऑपरेट कर रही थी। तभी सीनियर्स आ गईं। फिर क्या हुआ? उसे यह याद नहीं है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.