जानिए, तिलहन में सीएसए कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने तैयार की कौन सी नई प्रजातियां
चारों प्रजातियों को हरी झंडी मिल गई है। मानकों को सभी केंद्रों ने प्रमाणिकता प्रदान की है। जल्द बीज विक्रय केंद्रों पर भेजा जाएगा ताकि किसान इनका लाभ उठा सकें।
कानपुर (जागरण संवाददाता)। चंद्रशेखर आजाद (सीएसए) कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने तिलहन में कई नई प्रजातियां विकसित की है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता, कीट और खरपतवार पर कम असर और बेहतर पैदावार देने वाली हैं। इन प्रजातियों को जल्द ही प्रदर्शनी में लगाया जाएगा। इसका लाभ किसानों को फसल की पैदावार में मिलेगा, इससे उत्पादन बढऩे से उनकी आर्थिक स्थित में सुधार होगा। कृषि विभाग और राज्य प्रजाति विमोचन समिति से चारों प्रजातियों को सहमति मिल गई है।
ये प्रजातियां की विकसित
कृषि विवि में शोधकर्ताओं ने राई, तोरिया, अलसी और मसूर की नई प्रजाति तैयार की है। राई व सरसो प्रभारी प्रो. महक सिंह ने राई की आजाद महक (केएम आर ई 15-2) और तोरिया की आजाद चेतना (टीकेएम 14-2) और डॉ. नलिनी ने अलसी की अनु (एलसीके 1021) प्रजाति विकसित की है। मसूर की शेखर 8 प्रजाति डॉ. मनोज कटियार ने तैयार की है। यह प्रजातियां दो वर्षीय एक्रिप योजना के अंतर्गत और तीन साल के प्रदेश के 10 विभिन्न जलवायु शोध केंद्रों पर परीक्षण के बाद चयनित हुई है। इसके मानकों को सभी केंद्रों ने प्रमाणिकता प्रदान की है।
जल्द ही खेतों में लहलहाएगी इनकी फसल
कृषि विभाग से भी चारों प्रजातियों को हरी झंडी मिल गई है। जल्द ही इन्हें बीज विक्रय केंद्रों पर भेजा जाएगा। वहां से किसान इसे लेकर खेतों में उगा सकेंगे। सीएसए के कृषि वैज्ञानिक कम पानी में बेहतर पैदावार देने वाली प्रजाति विकसित कर रहे हैं। इसके लिए कई दूसरे शोध केंद्रों से सहयोग लिया जा रहा है।