अपर मुख्य सचिव का नया फरमान : कानपुर में अब मतदान केंद्र की तर्ज पर बनेंगे कोविड वैक्सीनेशन सेंटर
वैक्सीनेशन से पहले उन्हेंं जागरूक भी किया जाएगा। वैक्सीनेशन में जून का लक्ष्य आसानी से हासिल हो जाएगा। अब जुलाई के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लाक तथा शहरी क्षेत्र में शहरी निकाय को इकाई बनाकर कार्ययोजना तैयार की जाए।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए चल रहे वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। जुलाई से ग्रामीण क्षेत्रों में घर के निकट मतदान केंद्र की तर्ज पर कोविड वैक्सीनेशन सेंटर (टीकाकरण केंद्र) बनाए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण आसानी से वैक्सीनेशन करा सकें। मतदान पर्ची की तर्ज पर वैक्सीनेशन के लिए घर-घर बुलावा पर्ची भेजी जाएगी। पर्ची पर व्यक्ति का नाम, तारीख एवं स्थान लिखा रहेगा। वैक्सीनेशन से पहले उन्हेंं जागरूक भी किया जाएगा। वैक्सीनेशन में जून का लक्ष्य आसानी से हासिल हो जाएगा। अब जुलाई के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लाक तथा शहरी क्षेत्र में शहरी निकाय को इकाई बनाकर कार्ययोजना तैयार की जाए। इसके लिए अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, अपर निदेशक और सीएमओ को पत्र लिखा है। अपर निदेशक डा. जीके मिश्रा ने बताया कि घर के नजदीक वैक्सीनेशन के लिए केंद्र बनाने के लिए पंचायत घर, विद्यालय भवन या अन्य परिसर का उपयोग किया जाएगा।
वैक्सीनेशन से पहले जागरूक करेगी टीम : क्लस्टर में टीकाकरण टीम के पहुंचने से पहले मोबिलाइजेशन टीम तीन दिन तक ग्रामीण व शहरी जनता को वैक्सीन एवं वैक्सीनेशन की महत्ता बताएंगे। वैक्सीन को लेकर उनके मन के संशय को दूर करेंगे।
आपात स्थिति से निपटने को क्यूआरटी टीम : वैक्सीन का अगर किसी व्यक्ति में साइड इफेक्ट होता है तो ईएफआइ मैनेजमेंट के लिए दो क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) तैनात रहेगी। टीम के पास वाहन और जरूरी दवाएं होंगी। जटिलता बढऩे पर 108 एम्बुलेंस से तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जाएगा।
सरसौल, बिधनू व कल्याणपुर ब्लाक के गांवों में 21 से टीकाकरण अभियान : प्रत्येक ग्रामीण को कोरोना वैक्सीन लगाने को सरसौल, बिधनू और कल्याणपुर ब्लाक के गांवों में 21 जून से टीकाकरण अभियान शुरू हो रहा है। इन ब्लाक के गांवों में निगरानी समितियां 17 जून से 19 जून तक घर घर जाएंगी। गांवों में निगरानी समितियां काम कर रही हैं या नहीं इसकी जांच का जिम्मा डीपीआरओ का होगा।