कन्नौज में Remdesivir की मांग पर दारोगा से ठगी, विवाद के बाद हिरासत में लिया गया आरोपित
मैनपुरी के बेवर थाना क्षेत्र के शिव नगर कालोनी निवासी एक उपनिरीक्षक लखनऊ में कालीदास मार्ग पर पुलिस हेड क्वार्टर में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी 21 मई को कोरोना संक्रमित हो गईं थीं जिन्हें मेडिकल कालेज के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था।
कन्नौज, जेएनएन। एक ओर प्रदेश भर में कोरोना के तेवर ढीले पड़ने लगे हैं, लेकिन दूसरी ओर आपदा के असुर अब भी अपनी निकृष्टता से बाज नहीं आ रहे हैं। मुसीबत के समय लोगों से ठगी, जरूरी दवाओं की कालाबाजारी और वसूली के मामले महामारी के समय में थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। एेसा ही एक मामला इस बार सामने आया है यूपी के कन्नौज जनपद से। जहां पत्नी को डिस्चार्ज कराने के लिए आए दारोगा से स्वास्थ्यकर्मियों ने 95 हजार रुपये की मांग कर डाली। हालांकि इसके बाद विवाद होने लगा और दारोगा की शिकायत पर एक कर्मी को पुलिस ने पकड़ लिया है।
ये है पूरा मामला: मैनपुरी के बेवर थाना क्षेत्र के शिव नगर कालोनी निवासी एक उपनिरीक्षक लखनऊ में कालीदास मार्ग पर पुलिस हेड क्वार्टर में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी 21 मई को कोरोना संक्रमित हो गईं थीं, जिन्हें मेडिकल कालेज के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। पत्नी को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ी तो उन्होंने एक सफाई कर्मी व वार्ड ब्वाय से बात की। दोनों कर्मचारियों ने मिलकर 15 हजार रुपये प्रति इंजेक्शन तय किए। इस पर छह डोज लगाने के 90 हजार रुपये ले लिए। सोमवार को उनकी पत्नी ठीक होने पर डिस्चार्ज की गईं तो दोनों कर्मचारियों ने दस हजार रुपये और मांगे। फिर भी उन्होंने पांच हजार रुपये दे दिए। इससे कर्मचारी संतुष्ट नहीं तो विवाद शुरू हो गया। कर्मचारियों ने दारोगा से अभद्रता कर दी। दारोगा ने मेडिकल चौकी में में शिकायत की है।
पुलिस ने लिया एक्शन: कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने मामले की जांच की। एक कर्मचारी को हिरासत में लिया। बताया कि पूछताछ की जा रही। कोरोना संक्रमित का इलाज पूरी तरह से निश्शुल्क है।