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21 साल बाद मिला इंसाफ, कानपुर में मुवक्किल ने ही वकील काे अगवा कर उतारा था मौत के घाट

कानपुर में मुकदमे में सरेंडर करने की बात कहकर दो आरोपित वकील को साथ ले गए थे फिर लूटपाट के बाद ट्रेन के सामने धक्का देकर हत्या कर दी थी। अदालत ने फैसला सुनाते हुए आरोपित को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 08:52 AM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 08:52 AM (IST)
अदालत ने आरोपित मुवक्किल को सुनाई उम्रकैद की सजा।

कानपुर, जेएनएन। सरेंडर करने के लिए कचहरी गए दो आरोपितों ने अपने ही वकील की अपहरण कर हत्या कर दी थी। 21 साल पहले हुई इस वारदात पर शुक्रवार को अपर जिला जज पवन कुमार श्रीवास्तव ने निर्णय सुनाया। आरोपित को दोषी करार देते हुए उम्रकैद और 45 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया। जबकि, अभियुक्त की पत्नी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। इस मामले में शामिल दूसरे आरोपित की मौत हो चुकी है।

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जानिए- कब और कैसे हुई थी हत्या

नेहरू नगर निवासी अधिवक्ता प्रशांत कुमार निषाद को 14 अगस्त 2000 की शाम चार बजे बिल्हौर आकिन सरैया दस्तम खां निवासी राजीव तिवारी और उसका दोस्त स्वतंत्र कुमार सिंह उर्फ टिंकू घर से ले गए थे। प्रशांत अपनी स्कूटर पर तीनों को बिठाकर मंदिर जाने की बात कहकर निकले थे। देर रात वापस नहीं लौटे तो पिता प्रेमचंद्र निषाद ने खोजबीन शुरू की। न मिलने पर 15 अगस्त को नजीराबाद थाने में गुमशुदगी दर्ज करायी। चार दिन बाद 19 अगस्त की सुबह दस बजे प्रेमचंद्र से नेहरू नगर के महेंद्र शर्मा और राघवेंद्र मणि पांडेय मिले। उन्होंने बताया कि 14 अगस्त की रात आठ बजे प्रशांत स्कूटर से अस्सी फीट रोड से जा रहे थे। पिछली सीट पर राजीव और उसके पीछे स्वतंत्र कुमार सिंह बैठा था।

पूछने पर बताया कि किसी काम से ले जा रहे हैं। जिसके बाद कचहरी जाकर लोगों से जानकारी की तो पता चला कि 14 अगस्त की दोपहर डेढ़ से दो बजे के बीच दोनों आरोपित प्रशांत के बस्ते पर बैठे थे। किसी मुकदमे में दोनों आत्मसमर्पण करना चाह रहे थे। यह भी मालूम हुआ कि प्रशांत जब कचहरी से घर गए तो राजीव और स्वतंत्र भी उसके साथ थे। इस पर उन्होंने 19 अगस्त को नजीराबाद थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया।

वकीलों ने पकड़ा था स्वतंत्र को

अधिवक्ता के अपहरण की घटना कचहरी में आग की तरह फैल चुकी थी। इसी दौरान स्वतंत्र मुकदमे के सिलसिले में कचहरी पहुंचा तो वकीलों ने उसे पहचान लिया और पकड़कर बिठा लिया। उसकी सूचना पर ही पुलिस ने राजीव को गिरफ्तार किया। इनके पास से प्रशांत की अंगूठी, जंजीर, स्कूटर, माला और कपड़े बरामद हुए थे। इस मामले में पुलिस ने राजीव की पत्नी अंजना को भी आरोपित बनाया था।

लूट के इरादे से की हत्या

पकड़े गए आरोपितों ने लूट के इरादे से प्रशांत की 16 अगस्त को हत्या कर दी थी। उसे धोखे से पहले बिल्हौर ले गए और वहां नशीला गोलियां खिलाकर अपहरण कर लिया। इसके बाद जंजीर, अंगूठी और अन्य सामान लूटने के बाद उसे ट्रेन के सामने धक्का दे दिया। सहायक शासकीय अधिवक्ता अरविंद डिमरी ने बताया कि प्रशांत के पैर कट गए थे, जबकि सिर पर चोट आने से उसकी मौत हुई थी। जीआरपी कन्नौज ने अज्ञात में शव का पंचनामा भरा था। उनकी सूचना पर ही हत्याकांड का खुलासा हुआ।


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