हत्या के मामले में अदालत ने एयरफोर्स कर्मी को सुनाई दस साल कैद की सजा
शादी के बाद से दहेज में पांच लाख रुपये और कार की मांग कर ससुरालीजन अक्सर विवाहिता से विवाद करते थे।
कानपुर (जागरण संवाददाता)। दहेज हत्या में एयरफोर्स कर्मी और उसके माता-पिता को अपर सत्र न्यायाधीश पूजा सिंह ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। दहेज हत्या में पति को दस वर्ष कैद और मां-पिता को सात-सात वर्ष कैद की सजा से दंडित किया। तीनों पर दस-दस हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है।
इटावा के भरथना निवासी अवधेश त्रिपाठी ने अपनी बहन रूपल की शादी पनकी एफ ब्लाक निवासी एयरफोर्स कर्मी विशाल उर्फ कमल चतुर्वेदी के साथ 29 जनवरी 2015 को की थी। शादी के बाद से ही ससुराल वाले दहेज में पांच लाख रुपये और कार की मांग करते थे। इसे लेकर अक्सर विवाद होता था।
घटना से ठीक एक दिन पहले 22 अप्रैल 2016 को रूपल के भाई अवधेश, सपन पड़ोसी राज तिवारी और शादी कराने वाले रामकुमार चतुर्वेदी के साथ पनकी स्थित बहन की ससुराल आए थे। पंचायत के दौरान रुपयों का इंतजाम करने की बात कहकर अवधेश, सपन तथा राज तिवारी चले गए जबकि रामकुमार को घर पर ही छोड़ दिया। रात करीब 11:30 बजे रूपल के ससुराल वालों ने शादी कराने वाले रामकुमार को भगा दिया, जिसकी जानकारी उसने फोन पर अवधेश को दी। अवधेश ने सुबह घर जाकर हालचाल लेने को कहा।
23 अप्रैल की सुबह करीब सात बजे जब रामकुमार पनकी स्थित घर पहुंचा तो रूपल का शव बिस्तर पर पड़ा था। जिसके बाद अवधेश की तहरीर पर पुलिस ने पति, सास-ससुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। सहायक शासकीय अधिवक्ता सरला गुप्ता और अधिवक्ता मनोज त्रिवेदी ने बताया कि पति विशाल ने अपने बयानों में बताया कि वह घटना वाले दिन एक शादी समारोह से रात करीब 2:30 बजे घर पहुंचा था तो पत्नी ने ही दरवाजा खोला और सुबह 4:45 बजे ड्यूटी पर जाने के लिए पिता के साथ सेंट्रल स्टेशन गया। अधिवक्ता ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह फांसी आयी थी।