शहर में नहीं होगी दूध की कमी, जल्द चालू हो रही है प्रदेश की सबसे बड़ी डेयरी
400 करोड़ की लागत से एक वर्ष में तैयार हुई आधुनिक डेयरी एक साल तक पाउडर बनाकर रखा जा सकेगा प्लांट में दूध।
कानपुर, जागरण संवाददाता। प्रदेश की सबसे बड़ी दूध डेयरी निराला नगर में तैयार हो चुकी है, इस डेयरी पर 400 करोड़ रुपये का खर्च आया है। डेयरी में चार लाख लीटर दूध को प्रतिदिन सुरक्षित किया जा सकेगा।
निराला नगर में पराग डेयरी इस बार आधुनिक और व्यवस्थित तरीके से ग्राहकों के बीच आना चाहती है। पराग ने कानपुर देहात, घाटमपुर, बिल्हौर, शिवराजपुर, मंधना, महाराजपुर समेत ग्रामीण अंचलों में अपने दूध खरीद केंद्र बनाए हैं। इस आधुनिक डेयरी की विशेषता यह है कि जब खपत से अधिक दूध आएगा तो उसे पाउडर बनाकर रख लिया जाएगा और जब दूध की आपूर्ति कम पड़ेगी तो इसी पाउडर को फिर दूध बना दिया जाएगा।
2012 का प्रदर्शन काम आया
दुग्ध उत्पादन किसान संचालन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष वीरेंद्र ङ्क्षसह यादव ने बताया कि 2012 में किए गए आंदोलन के बाद यह प्रोजेक्ट मंजूर हुआ था, अब यह दुग्ध उत्पादकों के लिए वरदान साबित होगा।
ऑटोमेटिक मिल्क टेस्टर, 1600 समितियां
कानपुर व आसपास के जिलों में करीब 1600 समितियां हैं, जो किसानों से दूध खरीद का काम करती हैं। इनके पास से दूध डेयरी में आ जाता है। दूध का गाढ़ा नापने वाले ऑटोमेटिक मिल्क टेस्टर से चेक करके खरीदा जाता है। दूध की गुणवत्ता के हिसाब से 30 से 50 रुपए तक प्रति किलो खरीदा जाता है।
चाहिए 10 लाख लीटर दूध रोजाना
अपने शहर में प्रतिदिन 10 लाख लीटर दूध की खपत है। प्राइवेट एवं सभी डेयरी को मिला लें तो भी 7 से 8 लाख लीटर दूध आता है। ऐसे में जो दूध स्टाक में होता है, उसी से आपूर्ति को बढ़ाया जाता है। पराग डेयरी के महाप्रबंधक टीटी रेड्डी ने बताया कि डेयरी को आधुनिक मशीनों से लैस किया गया है। डेयरी को जल्द चालू कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है।