महामारी के दौर में कोविड कानपुर इंफो ग्रुप बना सच्चा साथी, पीड़ितों की मदद का कर रहा प्रयास
Coronavirus Outbreak In UP कोविड संक्रमण से परेशान लोगों की मुसीबत को देखते हुए मुदित हर्ष कोमल वैभव और सौभाग्य ने 17 अप्रैल 2021 को कोविड कानपुर इंफोÓ के नाम से वाट्सएप ग्रुप बनाया और 250 लोगों को जोड़ा।
कानपुर, जेएनएन। Coronavirus Outbreak In UP इक्कीसवीं सदी की इस दुनिया में इंटरनेट मीडिया लोगों की मदद का बड़ा माध्यम बन चुका है। इसी सशक्त माध्यम का प्रयोग कर शहर के कुछ युवाओं ने आपदा के इस दौर में नेकी का अभियान छेड़ दिया है। अभियान की बदौलत जरूरतमंदों को समय पर मदद मिली और उनकी जान बचाई जा सकी। नेकी की इस राह में युवाओं की मदद इंस्टाग्राम पर उनके आठ से दस हजार फॉलोअर भी करते हैं। विधायक, नेता, उद्यमी, दवा व्यापारियों को भी युवाओं ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से जोड़ रखा है।
नेकी एक : गोविंद नगर के एक अस्पताल में भर्ती 26 वर्षीय अंकित साहू को बी पॉजिटिव प्लाज्मा की जरूरत थी। इन्हें इंटरनेट मीडिया के माध्यम से मदद मिली। अब उनकी हालत बेहतर है।
नेकी दो : टाटमिल के एक अस्पताल में भर्ती 61 वर्षीय कृष्ण कुमार को भी बी पॉजिटिव प्लाज्मा चाहिए था। कोविड कानपुर इंफो में डिटेल डाली तो दानदाता अस्पताल पहुंचा और प्लाज्मा डोनेट किया।
नौ दिन पहले बनाया था पेज: कोविड संक्रमण से परेशान लोगों की मुसीबत को देखते हुए मुदित, हर्ष, कोमल, वैभव और सौभाग्य ने 17 अप्रैल 2021 को 'कोविड कानपुर इंफोÓ के नाम से वाट्सएप ग्रुप बनाया और 250 लोगों को जोड़ा। मुदित बताते हैं कि सभी दोस्तों के इंस्टाग्राम, ट्विटर पर आठ से दस हजार फॉलोअर हैं। खास बात ये है कि किसी भी प्राप्त सूचना को दो बार पुष्ट करते हैं। इसके बाद ही ग्रुप पर अपलोड किया जाता है।
अलग-अलग है जिम्मेदारी:
- कोविड कानपुर इंफो के सदस्य मुदित साप्रा और हर्ष सिंह चौहान अस्पताल में फोन करके बेड और जरूरी दवाइयों की जानकारी एकत्र कर लोगों तक सूचना पहुंचाते हैं।
- सदस्य सौभाग्य छाबडिय़ा ऑक्सीजन की जानकारी जुटाते हैं कि कितने सिलिंडर और कब तक मिल जाएंगे। इसकी सूचना ग्रुप पर भी अपडेट करते हैं।
- सदस्य कोमल कुशवाहा और वैभव की जिम्मेदारी प्लाज्मा मुहैया कराने की है। संस्थाओं, एनजीओ और क्षेत्रीय विधायकों से इसके लिए मदद लेते हैं।
प्रशासन को भी जोड़ा
कानपुर कोविड इंफो वाट्सएप ग्रुप के सदस्य बताते हैं कि डीएम से फोन पर बात कर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को मदद मुहैया कराने की पहल कर चुके हैं, हालांकि प्रशासन ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई है।