Coronavirus News Kanpur: कोरोना की तीसरी लहर को लेकर जीएसवीएम कालेज में हुई बैठक, लिया गया खास निर्णय
Coronavirus News Kanpur प्रो. संजय काला ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर की पीक के दौरान 300 मौतें हुईं थी जिसमें से 50 मौतें ही अपलोड हो सकी हैं। इन पुरानी मौतों को अपलोड कराने के लिए तीन सदस्यीय टीम लगाई है।
कानपुर, जेएनएन। Coronavirus News Kanpur एलएलआर अस्पताल के कोविड हास्पिटलों की हाईटेक व्यवस्था की रूपरेखा तैयार होने लगी है। दूसरी लहर के पीक के दौरान अप्रैल से लेकर 15 मई तक अत्याधिक मरीज आने से स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई थी, जिससे आपाधापी होने से मरीजों के नाम-पते तक इधर-उधर हो गए थे। जिससे 300 पुरानी मौतें अपलोड नहीं हो सकीं थीं। पिछली गलतियों से सबक लेते हुए तीसरी लहर से निपटने को कोरोना संक्रमितों की टैङ्क्षगग की जाएगी। प्रत्येक कोरोना संक्रमित की कलाई में बारकोड लगाया जाएगा, ताकि मरीज की पहचान में किसी प्रकार की दिक्कत न होने पाए। यह अहम निर्णय जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने उप प्राचार्य समेत कोरोना कार्य से जुड़े सभी नोडल अफसरों के साथ शनिवार को बैठक में लिए हैं।
पुरानी मौतें अपलोड कराएगी टीम: प्रो. संजय काला ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर की पीक के दौरान 300 मौतें हुईं थी, जिसमें से 50 मौतें ही अपलोड हो सकी हैं। इन पुरानी मौतों को अपलोड कराने के लिए तीन सदस्यीय टीम लगाई है। इस टीम में डा. अभिषेक, डा. अजय एवं डॉ. विकास कटियार को लगाया है, जो कोविड का डाटा पोर्टल पर अपलोड कराएंगे। इन्हें कोरोना संक्रमितों की फाइल का सत्यापन करके उन्हें अपलोड करने का निर्देश दिया है।
संक्रमितों की पहचान के लिए टैगिंग: प्रो. काला ने बताया कि कोरोना काल में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की टैगिंग कराई जाएगी। अस्पताल में कोरोना संदिग्ध आएगा तो उसके हाथ में नारंगी टैग, निगेटिव रिपोर्ट आने पर हरा टैग लगाया जाएगा। कोरोना संक्रमित मिलने पर लाल टैग मरीज की कलाई पर बांधा जाएगा।
बार कोड से नहीं होगी कोई चूक: प्राचार्य ने बताया कि मरीज की पहचान में चूक न होने पाए, इसलिए प्रत्येक मरीज की कलाई में बार कोड पहनाया जाएगा। साथ ही प्रत्येक मरीज की बेड हेड टिकट (बीएचटी) में बारकोड लगाया जाएगा। जांच के लिए भेजे जाने वाले सैंपल पर भी बार कोड लगाया जाएगा। इस व्यवस्था में मरीज की पहचान में किसी प्रकार की चूक नहीं होने पाएगी।
शिङ्क्षफ्टग के लिए छह एंबुलेंस: प्राचार्य ने बताया कि शिफ्टिंग के लिए छह एंबुलेंस है, उसमें से एक एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम एंबुलेंस, चार सामान्य एवं एक शव वाहन लगाया जाएगा। ऐसे में मरीजों को इधर से उधर शिफ्ट करने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।
लेवल-3 मरीजों का ही इलाज: प्राचार्य ने बताया कि एलएलआर में लेवल-3 मरीजों का ही इलाज किया जाएगा। लेवल-2 के मधुमेह, किडनी या लिवर की बीमारियों से पीडि़तों को भी लिया जाएगा। शेष मरीजों के इलाज का इंतजाम उर्सला व कांशीराम में कराने का आग्रह डीएम से करेंगे।
मेटरनिटी विंग में 220 बेड: प्रो. काला ने बताया कि मेटरनिटी विंग में 220 बेड कर दिए हैं। उसमें 100 बेड बच्चों के लिए होंगे, जबकि 120 बेड बड़ों के लिए होंगे। शासन ने 200 बेड आइसीयू के बनाने के निर्देश दिए हैं। उसके हिसाब से सभी तैयारी पूरी कर ली हैं।