CoronaVirus ALERT In UP: कोरोना के भय से गैर प्रांतों में जाने से कतरा रहे सीए, ऑनलाइन ऑडिट कराने की उठी मांग
हर वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर अप्रैल में बैंकों का ऑडिट होता है। ऑडिट की जिम्मेदारी चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को सौंपी जाती हैं। सीए इसके लिए इंस्टीट््यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) को आवेदन करते हैं कि वह बैंक ऑडिट करने को तैयार हैं
कानपुर, जेएनएन। महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस बीच बैंकों का ऑडिट भी शुरू होने वाला है। इन हालात में चार्टर्ड अकाउंटेंट परेशान हैं कि आखिर वह उन राज्यों में कैसे जाएं जहां कोरोना संक्रमण के मामले बहुत अधिक हैं। वह ऑनलाइन ऑडिट करने की मांग कर रहे हैं।
हर वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर अप्रैल में बैंकों का ऑडिट होता है। ऑडिट की जिम्मेदारी चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को सौंपी जाती हैं। सीए इसके लिए इंस्टीट््यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) को आवेदन करते हैं कि वह बैंक ऑडिट करने को तैयार हैं। इसके बाद आइसीएआइ यह सूची रिजर्व बैंक को दे देता है। रिजर्व बैंक के निर्देश पर बैंक अपनी शाखाओं के ऑडिट का कार्य सीए को सौंप देते हैं। इस बार कोरोना तेजी से बढऩे के चलते सीए भयभीत हैं। खासतौर पर वे उन राज्यों में नहीं जाना चाहते जहां संक्रमण ज्यादा है। कानपुर के एक सीए को पुणे की ब्रांच मिली है, उन्होंने बैंक को लिखकर ऑनलाइन ऑडिट की बात कह दी है। इस समय सीए के वाट््सएप ग्रुप पर भी आवाज उठ रही है कि संस्थान रिजर्व बैंक से बात कर आनलाइन ऑडिट की व्यवस्था करे। पिछले वर्ष भी ऑनलाइन आडिट किया गया था। सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल के सदस्य अतुल मेहरोत्रा का कहना है कि ट्रेन या हवाई जहाज में सफर करना सीए के लिए खतरनाक हो सकता है।