कोरोना की एंडीबाडी से प्रभावित हो रहा स्पाइनल कॉर्ड, हाथ-पैर में कमजोरी
जागरण संवाददाता कानपुर कोरोना संक्रमण से उबर चुके लोगों के हाथ-पैर में कमजोरी की
जागरण संवाददाता, कानपुर : कोरोना संक्रमण से उबर चुके लोगों के हाथ-पैर में कमजोरी की शिकायतें आ रही हैं। जांच में पता चला है कि कोरोना से बचाव के लिए बनी एंटी बाडी ही उनके लिए समस्या बन रही है। इस वजह से स्पाइनल कॉर्ड से लेकर ब्रेन में सूजन हो रही है। देश-विदेश में हुए शोध में ऐसी समस्या लेकर आए मरीजों का जिक्र है। इससे प्रमाणित हो रहा है कि बिना कोरोना के लक्षण या बिना पॉजिटिव रिपोर्ट के सामान्य लोगों को भी दिक्कत हो रही है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट इमरजेंसी के न्यूरो सर्जरी विभाग में लगातार मरीज आ रहे हैं। उनके हाथ-पैर में कमजोरी, बेहोशी, झटके, बहकी-बहकी बातें करने की शिकायतें हैं। इनमें कुछ मरीज तो कोरोना से उबरने के बाद समस्या लेकर आए थे। वहीं कुछ मरीज ऐसे भी हैं, जिन्हें कोरोना का संक्रमण ही नहीं हुआ, फिर भी उनमें एंटीबाडी बन गई। कोरोना से लड़ने के लिए बनी एंटीबाडी ही ब्रेन में जाकर सूजन कर रही है। इस वजह से कमजोरी, झटके, बेहाशी, सुधबुध खोने से लेकर बहकी-बहकी बातें करने लगते हैं। वहीं, स्पाइनल कार्ड को सुरक्षित रखने वाली लेयर से रिएक्शन कर उसे क्षतिग्रस्त कर रही है, जो हाथ-पैर में कमजोरी हो रही है।
एमआरआइ व एंटीबाडी जांच से पुष्टि
न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष सिंह का कहना है कि इन लक्षण के मरीजों की एमआरआइ जांच कराई गई। उनके ब्रेन में सूजन मिली है। उनके स्पाइनल कार्ड में भी इंफ्लामेशन यानी सूजन पाई गई। इसमें से कुछ पोस्ट कोविड और कुछ ऐसे थे, जिन्हें कोरोना हुआ ही नहीं है। फिर भी उनमें एंटीबाडी बन गई। इसका मतलब है कि उन्हें कोरोना का संक्रमण हुआ, लेकिन उन्हें पता ही नहीं चल सका। अब दूसरे रूप में प्रकट हो रहा है।
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पैरों से होती शुरुआत
डॉ. मनीष सिंह का कहना है कि स्पाइनल कॉर्ड में रिएक्शन से इंजरी हो रही है, जिससे पैरों में कमजोरी शुरू होती है। वह धीरे-धीरे उपर बढ़ती है। उसमें हाथों में कमजोरी एवं उसके बाद सांस लेने में दिक्कत होती है। इसमें फेफड़े की मांसपेशियों और रक्त नलिकाओं में भी कमजोरी होती है। यह गुलियन बारी सिड्रोम की तरह प्रजेंट कर रहा है।