कोरोना संक्रमण से सुनने की क्षमता पर पड़ा असर, GSVM Medical College के ENT Department के अध्ययन में पुष्टि
कोरोना संक्रमण के बाद से सुनने की क्षमता पर भी असर पड़ रहा है। वहीं जीएसवीएम मेडिकल कालेज के ईएनटी विभाग में कोरोना से उबरे लोगों पर एक साल तक अध्ययन किया गया है। जिसमें यह पुष्टि हुई है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण से उबरने वालों की सुनने की क्षमता पर भी असर हुआ है। कोरोना ने कान से दिमाग को संदेश पहुंचाने वाली नस पर हमला कर उसे कमजोर कर दिया है, जिससे श्रवण क्षमता प्रभावित हुई है।
इसकी पुष्टि जीएसवीएम मेडिकल कालेज के नाक कान गला (ईएनटी) विभाग में एक साल तक चले अध्ययन में हुई है। इसे इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशन के लिए भेजा गया है, हालांकि अभी तक इसके लिए अप्रूवल नहीं आया है।
कोरोना वायरस के संक्रमण से उबरने वालों यानी पोस्ट कोविड मरीजों को कई तरह की समस्याएं हो रही थीं। इनमें फेफड़े की क्षमता प्रभावित होने से लेकर दिल और दिमाग भी प्रभावित हो रहा था। वहीं, कोरोना से उबरे मरीज सुनाई न पड़ने की समस्या लेकर भी एलएलआर अस्पताल (हैलट) के ईएनटी ओपीडी में पहुंचने लगे।
इसे देखते हुए ईएनटी के प्रोफेसर डा. हरेंद्र कुमार ने अपनी जूनियर रेजीडेंट के साथ मिलकर अध्ययन का निर्णय लिया। सितंबर 2021 से अगस्त 2022 तक पांच सौ मरीजों पर अध्ययन किया गया। इन सभी मरीजों का आडियोमेट्री टेस्ट कराया गया, जिसमें 150 मरीजों में सुनाई न पड़ने की गंभीर समस्या पाई गई।
इनमें से किसी को पहले से सुनने में कोई समस्या नहीं थी। इन सभी का इलाज शुरू करने के साथ मानीटरिंग भी शुरू की गई। एक साल तक निगरानी के दौरान 148 मरीजों की श्रवण क्षमता ठीक हो गई, जबकि दो मरीजों की सुनने क्षमता पूरी तरह चली गई।
कोरोना वायरस के संक्रमण से सुनने की क्षमता प्रभावित होने को लेकर इससे पहले कोई भी अध्ययन नहीं हुआ है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज में एक साल तक चला यह अध्ययन अपने आप में पहला है। इसलिए इसे अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल में प्रकाशन के लिए भेजा है। अभी तक वहां से प्रकाशन का अप्रूवल नहीं मिला है।
- डा. हरेंद्र कुमार, पूर्व प्रोफेसर, जीएसवीएम मेडिकल कालेज। (वर्तमान में सहारनपुर मेडिकल कालेज में तैनात)
एक नजर
01 साल तक चला अध्ययन
500 कोरोना संक्रमण से उबरे मरीज किए गए शामिल।
150 मरीजों में मिली सुनाई न पड़ने की समस्या।
148 मरीजों की इलाज से वापस आ गई श्रवण क्षमता।
02 मरीजों की श्रवण क्षमता पूरी तरह से चली गई।