सर्द हवाओं ने कंपकंपाया, ठंड ने तोड़ा सात साल का रिकार्ड
दिन में बढ़ी गलन, रात में कोहरा छाने की संभावना, हल्की बूंदाबांदी भी संभावित।
By Edited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 01:02 AM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 11:26 AM (IST)
कानपुर,जेएनएन। हाड़ कंपा देने वाली ठंड ने बुधवार को सात साल का रिकार्ड तोड़ दिया। सुबह से लेकर शाम तक चलीं सर्द हवाओं ने दिन में गलन बढ़ा दी। इस दौरान न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री जबकि अधिकतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस नीचे व सात साल के समय अंतराल में सबसे अधिक रहा है। इससे पहले 12 दिसंबर 2011 को अधिकतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था। इस बार की ठंड ने दिसंबर में दो रिकार्ड तोड़ दिए हैं।
दस दिसंबर को इस सीजन की सबसे ठंडी रात का रिकार्ड टूटने के बाद सीजन के सबसे ठंडे दिन का रिकार्ड भी टूट गया। इन सर्द हवाओं के बीच सूर्यदेव रूठे रहे। लुकाछिपी के बीच कुछ देर के लिए हल्की धूप निकली, जबकि ज्यादातर समय तक आसमान में बदली छाई रही। सूरज छिप जाने के कारण ठंडी हवाएं राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बनी रहीं। टोपी व मफलर के सहारे दोपहिया वाहन चालक अपना रास्ता तय करते रहे।
वहीं शाम होने के बाद सड़कों पर अलाव जल उठे। जिनके पास इसका इंतजाम नहीं था उन्होंने सड़क पर पड़े कागज, दफ्ती व कूड़ा जलाकर खुद को ठंडक से बचाने की कोशिश की। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. नौशाद खान ने बताया कि रात में कोहरा छाए रहने की संभावना है। न्यूनतम तापमान में बढ़त होने के आसार हैं, जबकि अधिकतम तापमान गिरेगा। जिससे दिन और ठंडे होंगे।
ऊर्जा के ऊपरी सतह पर जाने से मौसम हो रहा ठंडा : पहाड़ों में बर्फबारी होने के कारण मैदानी इलाकों में लगातार ठंड बढ़ रही है। दिन में धूप निकलने से जो ऊर्जा उत्पन्न होती है वह सतह पर रहती है जबकि शाम होने के साथ ही ऊर्जा ऊपरी सतह पर जाने लगती है। रात होते होते यह पूरी तरह ऊपरी सतह पर चली जाती है। जिससे मौसम ठंडा बना हुआ है।
दस दिसंबर को इस सीजन की सबसे ठंडी रात का रिकार्ड टूटने के बाद सीजन के सबसे ठंडे दिन का रिकार्ड भी टूट गया। इन सर्द हवाओं के बीच सूर्यदेव रूठे रहे। लुकाछिपी के बीच कुछ देर के लिए हल्की धूप निकली, जबकि ज्यादातर समय तक आसमान में बदली छाई रही। सूरज छिप जाने के कारण ठंडी हवाएं राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बनी रहीं। टोपी व मफलर के सहारे दोपहिया वाहन चालक अपना रास्ता तय करते रहे।
वहीं शाम होने के बाद सड़कों पर अलाव जल उठे। जिनके पास इसका इंतजाम नहीं था उन्होंने सड़क पर पड़े कागज, दफ्ती व कूड़ा जलाकर खुद को ठंडक से बचाने की कोशिश की। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. नौशाद खान ने बताया कि रात में कोहरा छाए रहने की संभावना है। न्यूनतम तापमान में बढ़त होने के आसार हैं, जबकि अधिकतम तापमान गिरेगा। जिससे दिन और ठंडे होंगे।
ऊर्जा के ऊपरी सतह पर जाने से मौसम हो रहा ठंडा : पहाड़ों में बर्फबारी होने के कारण मैदानी इलाकों में लगातार ठंड बढ़ रही है। दिन में धूप निकलने से जो ऊर्जा उत्पन्न होती है वह सतह पर रहती है जबकि शाम होने के साथ ही ऊर्जा ऊपरी सतह पर जाने लगती है। रात होते होते यह पूरी तरह ऊपरी सतह पर चली जाती है। जिससे मौसम ठंडा बना हुआ है।
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