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Kanpur News : होटल, ढाबे और ठेलों में बंद होंगे कोयले वाली भट्ठियां और तंदूर, इस्तेमाल होगी पीएनजी गैस

कानपुर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नई तैयारियां शुरु हो गई है। आने वाले समय में शहर में होटल ढाबे और ठेलों में कोयले और लकड़ियों वाली भट्ठियां और तंदूर जलते नहीं दिखाई देंगे। आइआइटी में हुई बैठक में इस मुद्दे पर गहन विचार किया गया।

By JagranEdited By: Abhishek AgnihotriPublished: Wed, 28 Sep 2022 09:07 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 09:07 PM (IST)
Kanpur News : होटल, ढाबे और ठेलों में बंद होंगे कोयले वाली भट्ठियां और तंदूर, इस्तेमाल होगी पीएनजी गैस
कानपुर मुें ढाबे और होटलों में कोयला या लकड़ी वाले तंदूरों को किया जाएगा बंद।

कानपुर, अनुराग मिश्र। प्रयास सफल हुए तो बहुत जल्द ही ढाबे और होटलों में कोयला व लकड़ी वाले वाले तंदूर या भट्ठी नहीं दिखेंगे। इनकी जगह इलेक्ट्रिक या पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) संचालित तंदूर लेंगे। सर्दी में वायु प्रदूषण रोकने के लिए जिला प्रशासन ने अभी से कमर कस ली है और इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है।

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सर्दी आते ही शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब हो जाता है। कई बार तो देश के टाप-10 प्रदूषित शहरों में कानपुर का नाम शामिल हो जाता है। इसको लेकर अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। इस बार वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए पिछले दिनों भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) में हुई बैठक में विशेष सचिव रणनीति पर विचार किया गया।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन सचिव आशीष तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में आइआइटी से प्रो. मुकेश शर्मा, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्र व अन्य अधिकारी शामिल हुए। इसमे कहा गया कि धुंध छाने के दौैरान शहर में वाहनों से उत्सर्जित धुएं के साथ अंगीठी, तंदूर और भट्ठियों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण को और बढ़ाता है।

इसकी वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है। इनके विकल्प के तौर पर तय किया गया कि होटल और ढाबों के अलावा खाद्य सामग्री बनाकर ठेले पर बेचने वालों के यहां गैस या इलेक्ट्रिक या गैस तंदूर, भट्ठी का इंतजाम कराया जाए तो काफी हद तक राहत मिल सकती है। इसके बाद सर्वेक्षण हुआ। इसमें अब तक 250 होटल-ढाबे चिह्नित हुए हैं। इन सभी में इलेक्ट्रिक या गैंस तंदूर-भट्ठी लगाने को कहा जाएगा।

योजना पर विचार के बाद सर्वे करा लिया है। इन सभी के यहां इलेक्ट्रिक या पीएनजी तंदूर-भट्ठी लगाने को नोटिस भेजा जाएगा। न लगाने पर बंदी की संस्तुति की जाएगी। - अमित मिश्र, क्षेत्रीय अधिकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

प्रदूषण रोकथाम के लिए पीएनजी बेहतर विकल्प है। जहां से भी डिमांड आएगी, सेंट्रल यूपी गैस लिमिटेड (सीयूजीएल) इसके लिए आपूर्ति करने को तैयार है।- नवीन सिंह, मार्केटिंग मैनेजर कामर्शियल


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