दुष्कर्म मामले में पूर्व मंत्री को जेल भिजवाने वाली महिला ने अब दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री पर लगाए गंभीर आरोप
पीड़ित महिला ने कहा है कि दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री गोसेवा आयोग के सदस्य भोले सिंह पहले गायत्री प्रसाद प्रजापति को लूट रहे थे और आरोपित राम सिंह को बचाने में जुटे हैं।
चित्रकूट, जेएनएन। सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को दुष्कर्म मामले में जेल भिजवाने वाली पीडि़ता ने अब योगी सरकार के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री गोसेवा आयोग के सदस्य भोले सिंह उर्फ कृष्ण कुमार सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रेसवार्ता में कहा कि वह जेल गए आरोपित राम सिंह को बचा रहे हैं। वह राम सिंह के साथ मिलकर पूर्व मंत्री प्रजापति को उसके नाम पर लूट रहे थे। भोले सिंह को राम सिंह मामा कहते हैं। दोनों अस्पताल में कई बार पूर्व मंत्री से मिले थे। उनका आरोप है कि उन पर लखनऊ के गाजीपुर थाने में उन पर फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया।
लखनऊ से गुरुवार रात चित्रकूट पहुंची पीडि़त महिला ने अपने आवास पर मीडिया से कहा कि उसकी जान को खतरा है। एसपी ने सुरक्षा हटा ली है, वह पहले से कहती रही हैं कि पूर्व मंत्री ने उनके साथ दुष्कर्म नहीं किया है फिर भी हमीरपुर निवासी राम सिंह, अधिवक्ता दिनेशचंद्र त्रिपाठी आदि ने उनके फर्जी हस्ताक्षर से रिपोर्ट दर्ज कराई और बेटी को बंधक बनाकर कोर्ट में बयान कराए। बिना कुसूर पूर्व मंत्री चार साल जेल में रहे। अब जब मैं उनके पक्ष में सही बोल रही हूं तो मेरे खिलाफ गाजीपुर थाने में झूठा मामला दर्ज कराया गया।
उनका गायत्री प्रजापति से पिता पुत्री का रिश्ता है। करोड़ रुपये के लेन-देन को लेकर सफाई दी कि उनको फूटी कौड़ी किसी से नहीं मिली, आयकर विभाग जांच कर सकता है। साथ ही पूर्व मंत्री का नारको टेस्ट करा लिया जाए। आरोप लगाया कि राम सिंह और अधिवक्ता दिनेशचंद्र ही पूर्व मंत्री को लूटते रहे हैं। ऐसे लोगों की तहरीर पर उन पर मुकदमा दर्ज कर प्रशासन गलत व्यवहार कर रहा है। न्याय न मिला तो सीएम की चौखट तक जाएंगी।
मुकदमे की पैरवी को लेकर हुई थी राम सिंह से मुलाकात
महिला के आरोपों पर गोसेवा आयोग के सदस्य भोले सिंह ने कहा कि ठाकुर एक लोधी का मामा कैसे हो सकता है। राम सिंह को जानता हूं, जानने की सीमा है यही साल छह महीने। पीडि़ता ने राम सिंह पर दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। वह उसी की पैरवी को लेकर मेरे पास आए थे। पूर्व मंत्री किस अस्पताल में भर्ती थे, यह ही उन्हें मालूम नहीं है फिर मुलाकात कैसे हो सकती है। कोई कुछ भी आरोप लगा सकता है, जांच से सच्चाई सामने आएगी।