शुक्लागंज के श्मशान घाट पर हर तरफ जल रहीं चिताएं, दो दिन में हो चुके 64 शवों के अंतिम संस्कार
बुधवार को सुबह से शाम तक एक-एक कर शव आते चले गए। हालत यह रही कि श्मशान घाट पर चिताओं का मेला सा लगा रहा। घाट पर जगह कम पड़ गई। अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आने वाले लोगों को घाट छोड़कर गलियों की ओर रुख करना पड़ा।
कानपुर, जेएनएन। मिश्रा कॉलोनी स्थित श्मशान घाट पर शवों के आने का सिलसिला बढ़ता ही चला जा रहा है। श्मशान घाट पर बुधवार को 31 शवों का अंतिम संस्कार कराया गया, जबकि बालूघाट श्मशान घाट पर नौ शवों का अंतिम संस्कार किया गया। कुल 40 चिताएं जलाई गईं।
बुधवार को सुबह से शाम तक एक-एक कर शव आते चले गए। हालत यह रही कि श्मशान घाट पर चिताओं का मेला सा लगा रहा। घाट पर जगह कम पड़ गई। अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आने वाले लोगों को घाट छोड़कर गलियों की ओर रुख करना पड़ा। यह देख घाट के पंडे व कर्मकांड कराने वाले पुरोहित भी हतप्रभ रहे। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को मिश्रा कालोनी श्मशान घाट पर 24 शवों का अंतिम संस्कार कराया गया था। घाट के पंडों की मानें तो कोई भी शव कोरोना पॉजिटिव यहां पर नहीं पहुंच रहा है। उनका कहना है कि वह लोग इतना सतर्क रहते हैं कि कोरोना पॉजिटिव के शव को सीधे कानपुर भेज देते हैं। यहां पर उसका अंतिम संस्कार नहीं होने देते हैं। श्मशान घाट पर दो दिन में 64 चिताओं के जलने की चर्चा पूरे नगर में रही।