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चौबेपुर के पनऊपुरवा में खौफ की वो रात, घरों में दुबके रहे खून से लथपथ घायल

कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के पनऊपुरवा गांव में दो पक्षों के बीच पंचायत चुनाव के बाद से रंजिश चली आ रही थी। दोनों पक्षों के आमने सामने आने पर मारपीट हुई और एक पक्ष के घायल खौफ में घर के अंदर छिपे रहे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 02:53 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 02:53 PM (IST)
चौबेपुर के पनऊपुरवा में खौफ की वो रात, घरों में दुबके रहे खून से लथपथ घायल
घटना में संदेह के दायरे में पुलिस की भूमिका।

कानपुर, जागरण संवाददाता। चौबेपुर के पनऊपुरवा गांव में हुई घटना में पुलिस पर लग रहे गंभीर आरोपों की जांच आइजी से कराने के निर्देश एडीजी ने दिए हैं। फिलहाल पूरे घटनाक्रम में जो बातें सामने आ रही हैं वो उसमें खौफ का चेहरा नजर आ रहा है। सामने आया है कि सोमवार की रात पुलिस और हमलावरों का खौफ इस कदर था कि पीड़ित परिवार के घायल पूरी रात घर में खून से लथपथ छिपे रहे। वहीं फरसे के हमले के बाद बजुर्ग का खून बहता रहा लेकिन अस्पताल ले जाने की हिम्मत कोई न दिखा सका और करीब डेढ़ घंटे तक वो पड़े रहे थे। हालांकि घटना की पीछे की असल वजह तो जांच के बाद ही सामने आएगी।

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पूरी रात घर में दुबके रहे घायल

पनऊपुरवा में घटना सोमवार की रात दस बजे की है। 11 बजे पहुंची पुलिस के सामने ही आधे घंटे बवाल चला। इसके बाद गंभीर घायल आनंद को लेकर पुलिस अस्पताल के लिए निकली, मगर अन्य घायलों को छोड़ दिया। पीडि़त परिवार के घायल लोग खून से लथपथ पूरी रात घर में ही दुबके रहे। सुबह आठ बजे ग्रामीण घायलों को लेकर अस्पताल पहुंचे। रात भर पूरे दस घंटे तक पीडि़त परिवार खौफ के साये में रहा। सुबह गांव के लोगों में पुलिस के प्रति आक्रोश दिखाई दिया। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस यदि पहले ही विवाद में सख्त कार्रवाई करती तो हत्या जैसी घटना नहीं होती। पीडि़त घरवालों का आरोप है कि हमलावरों को पुलिस का प्रश्रय था और दारोगा व सिपाही प्रताडि़त कर रहे थे। नोटिस चस्पा करने के नाम पर दो महीने पहले महिलाओं से पुलिस ने मारपीट भी की थी। पुलिस पहुंची तो आरोपितों के बजाय बीच बचाव करने वालों को ही पकड़ ले गई थी, जबकि घायल महिलाएं तड़प रही थीं।

धमकी दे रहे थे आरोपित, फिर भी नहीं चेती पुलिस

आनंद की बहू अनुराधा ने बताया कि आरोपित लगातार जान से मारने की धमकी देते आ रहे थे। इसके बाद भी पुलिस ग्राम प्रधान के दबाव में आरोपितों को प्रश्रय दे रही थी। 26 जून को मारपीट की घटना में मुकदमा दर्ज कराया, लेकिन पुलिस ने रफा-दफा कर दिया। आरोपितों ने दो माह पहले भी पुलिस को साथ में लेकर घर में घुस कर मारपीट की थी। तब उच्चाधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन उन लोगों की नही सुनी गई।

पूर्व में विवादित रहा है दारोगा

चौबेपुर में लंबे अरसे से जमे दारोगा गोपीकृष्ण पूर्व में भी कई विवादों से घिरे रहे हैं। तातारपुर में जुएं की फड़ से पैसे छीनने का मामला रहा हो या फिर शादीपुर में पीडि़त परिवार को ही पीटने की घटना रही हो, उन पर लगातार आरोप लगते रहे हैं। पनऊपुरवा गांव के पीडि़त परिवार का आरोप है कि दारोगा व सिपाही अक्सर आरोपितों के घर दावत खाने आते थे।

आइजी से कराई जाएगी जांच

एडीजी भानु भाष्कर ने बताया कि चौबेपुर के पनऊपुरवा गांव में हुए घटनाक्रम की जांच रिपोर्ट आइजी से मांगी है। आरोपित पक्ष के अलावा इस प्रकरण में आरोपित पुलिस कर्मियों की जांच भी आइजी करेंगे। पांच दिन में जांच रिपोर्ट तलब करके आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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