नगर निगम की जमीन पर चट्टा संचालकों का कब्जा, कार्रवाई के नाम पर हो रही खानापूरी
संचालक गोबर को नलियों में बहा देते हैं इससे अक्सर क्षेत्र में जलभराव रहता है। वहीं उपनगर आयुक्त स्वर्ण सिंह का कहना है कि कोविड में ड्यूटी लगी होने की वजह से कब्जे पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। जल्द ही इस पर कार्रवाई करेंगे।
कानपुर, जेएनएन। दक्षिण क्षेत्र में इन दिनों भूमाफिया एकदम चरम पर हैं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को कोई जोर नहीं चल रही है। यही वजह से जगह-जगह कब्जा हो रहें। ताजा मामला गुजैनी गांव का है, यहां नगर की जमीन पर चट्टा संचालकों ने वर्षा से कब्जा किया हुआ है। नगर आयुक्त की तरफ से खाली जमीन पर चेतावनी बोर्ड भी लगा दिया है। इसके बाद भी लोग हरकतों से बाज नहीं आ रहें।
गुजैनी गांव के लोगों ने बताया कि नगर निगम की करीब एक हजार वर्गमीटर जगह में कम्युनिटी हॉल बनाया जाना था, लेकिन वह नहीं बन सका। खाली जगह में धीरे-धीरे चट्टा संचालकों ने अपना साम्राज्य फैलाना शुरू किया। अब पूरी जमीन में उनका कब्जा है। जगह-जगह गोबर ढेर व कंडे लगे हुए हैं। इसी खाली जगह से एक रास्ता बस्ती के लिए जाता है, लेकिन संचालकों ने इसे भी घेर रखा है। क्षेत्र क लोगों का कहना है कि दो दर्जन से ज्यादा जानवर बांधे जाते हैं। गोबर की वजह से बहुत मच्छर लगते हैं। इससे आसपास के लोगों को दिनरात मच्छरों का दंश झेलना पड़ता है। वहीं, संचालक गोबर को नलियों में बहा देते हैं, इससे अक्सर क्षेत्र में जलभराव रहता है। वहीं, उपनगर आयुक्त स्वर्ण सिंह का कहना है कि कोविड में ड्यूटी लगी होने की वजह से कब्जे पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। जल्द ही इस पर कार्रवाई करेंगे।
मंदिर बनाकर कब्जे की तैयारी : नगर निगम अधिकारियों ने एक-दो बार संचालकों को खाली करने के चेतवानी दी तो उन्होंने एक चबूतरा बनाकर उस पर मंदिर स्थापित करने के लगे हैं। आरोप है कि संचालक इसके माध्यम से जमीन में कब्जा करना चाहते हैं।