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नर में नारायण का स्वरूप देख जरूरतमंदों की आंखों को दी जा रही रोशनी

बिठूर में लाला दाताराम खंडेलवाल धर्मार्थ नेत्र चिकित्सालय चला रहा नर सेवा-नारायण सेवा ट्रस्ट, कई जिलों से आते मरीज।

By AbhishekEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 05:24 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 05:24 PM (IST)
नर में नारायण का स्वरूप देख जरूरतमंदों की आंखों को दी जा रही रोशनी
नर में नारायण का स्वरूप देख जरूरतमंदों की आंखों को दी जा रही रोशनी

कानपुर (जागरण संवाददाता)। कण-कण में ईश्वर का वास है, नर में नारायण हैं के भाव से नर सेवा-नारायण सेवा ट्रस्ट जरूरतमंदों की आंखों का आपेरशन कराकर नेत्र ज्योति दे रहा है। ये ट्रस्ट बिठूर में लाला दाताराम खंडेलवाल धर्मार्थ नेत्र चिकित्सालय चला रहा है। जहां सप्ताह में छह दिन ओपीडी और प्रत्येक बुधवार और शनिवार को मोतियाबिंद आपरेशन होते हैं। यहां आपरेशन के लिए कानपुर के अलावा कानपुर देहात, कन्नौज, हरदोई और उन्नाव जिलों से मरीज आते हैं।

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ट्रस्ट के प्रमुख अवध बिहारी मिश्र बताते हैं कि लोहा कारोबारी दाताराम खंडेलवाल वर्ष 1963 में शहर छोड़कर भगवान की भक्ति में सपत्नी बिठूर में आकर बस गए। 1978 में देहांत के बाद पुत्र श्रीकृष्ण खंडेलवाल ने वर्ष 1980 में पिता के नाम पर धर्मार्थ चिकित्सालय शुरू किया। श्रीकृष्ण खंडेलवाल ने 85 वर्ष की उम्र में नर सेवा-नारायण सेवा ट्रस्ट को संचालन का दायित्व सौंप दिया।

अत्याधुनिक मशीनें व उपकरण

अस्पताल में आंखों की जांच के लिए आधुनिक मशीनें और दो आपरेशन थियेटर हैं। दो जनरल वार्ड 50 बेड के हैं। ओपीडी सप्ताह में छह दिन सोमवार से शनिवार तक चलती है। ओपीडी पंजीकरण में 20 रुपये शुल्क लिया जाता हैं। उसमें डॉक्टर का परामर्श व सभी जांचें होती हैं।

सक्षम से लेते सहयोग राशि

मोतियाबिंद आपरेशन के लिए चिह्नित सक्षम मरीजों से सहयोग राशि एक हजार रुपये लिए जाते हैं। जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती है, उनका निश्शुल्क आपरेशन किया जाता है। हर साल हजारों जरूरतमंदों को नेत्र च्योति देने की सेवा हो रही है।

ठहरने व भोजन का बंदोबस्त

मरीजों एवं साथ आए तीमारदारों के ठहरने एवं भोजन का निश्शुल्क बंदोबस्त किया जाता है। ठहरने के लिए 26 कमरे भी हैं।

ये कर रहे सेवा

मरीजों की सेवा डॉ.अभिषेक बाजपेई एवं उनके सहयोगी डॉ. विक्रम परिहार, डॉ. मुकेश यादव, डॉ. संदीप सिंह और डॉ. शैलेंद्र कर रहे हैं। इसके अलावा सेवा कार्य के लिए 13 कर्मचारी भी लगाए गए हैं। समाजसेवी लोग अस्पताल संचालन के लिए आर्थिक सहायता करते रहते हैं। 


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