बैंक कर्मियों के मुद्दों पर केंद्रीय ट्रिब्यूनल करेगा सुनवाई
केंद्र सरकार के जवाब के बाद हाईकोर्ट ने भेजा मामला
जागरण संवाददाता, कानपुर : बैंक कर्मियों के वेतन भत्ते, सुविधाओं और कार्यदिवस का निर्धारण कौन करेगा, इसे लेकर दाखिल की गई याचिका पर अब केंद्रीय ट्रिब्यूनल मुंबई में सुनवाई होगी। केंद्र सरकार के जवाब के बाद हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता ने यह मामला वहां स्थानांतरित करने के आदेश दिए हैं।
इंडियन बैंक एसोसिएशन (आइबीए) बैंकों का प्रतिनिधित्व करती है। कर्मचारियों के वेतन भत्ते, अन्य सुविधाओं व कार्य के दिवस पर निर्णय आइबीए ही लेती है। इसे लेकर कानपुर में बैंक कर्मियों की संस्था वी बैंकर्स ने श्रम न्यायालय में चुनौती दी थी। महामंत्री आशीष मिश्रा के मुताबिक आइबीए न तो कहीं रजिस्टर्ड है और न ही कोई वैधानिक या सरकारी संस्था है। श्रम न्यायालय में आइबीए, बैंक अधिकारियों, कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता शुरू हुई, लेकिन निष्कर्ष न निकलने पर 11 जून 2020 को मध्यस्थता फेल हो गई। 22 जुलाई को आइबीए ने वेतन मामले को लेकर कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडर स्टैंडिग (एमओयू) साइन किया, जिस पर आशीष ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। तर्क दिया कि जब तक विवादों का हल नहीं निकलता तब तक आइबीए को एमओयू साइन करने का अधिकार नहीं है। इस पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। हाईकोर्ट के अधिवक्ता आशुतोष शर्मा ने बताया कि 4 नवंबर को सरकार के एडीशनल सॉलिसिटर जनरल शशि प्रकाश सिंह हाईकोर्ट में उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मामला केंद्रीय ट्रिब्यूनल भेजने का निर्णय लिया है। हाईकोर्ट ने केंद्रीय ट्रिब्यूनल को तीन माह के भीतर निर्णय लेने के आदेश दिए हैं।